सुरेश रैना ने खुद के क्रिकेटर बनने की कहानी बताते हुए कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में कहा है कि उन्हें हॉस्टल में साथी एथलीट्स परेशान करते थे। इस वजह से एक बार उनके मन में सुसाइड का भी विचार आया था। वे हांलाकि ऐसा नहीं कर सके। इसलिए सब जलते थे मुझसे…
– रैना ने बताया कि ऐसी घटनाओं की वजह से होस्टल छोड़ घर वापस जाने के बारे में भी सोचा।
– एक बार मेरे दिमाग में आत्महत्या करने का भी विचार आया था, लेकिन कर नहीं सका।
– मैं अच्छा खेलता था इस वजह से हॉस्टल के कुछ एथलीट जलते थे मुझसे।
जगा तो देखा मेरे चेस्ट पर कोई बैठा है
– रैना बताते हैं- ट्रेन आगरा की तरफ जा रही थी और मैं अखबार बिछाकर फर्श पर सो रहा था।
– रात में ठंड से बचने के लिए पैड, चेस्ट गार्ड, थाइ गार्ड पहने हुआ था।
– दरअसल, आगरा क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने जा रहे 12-15 साल के और भी बच्चे ट्रेन में सवार थे।
– देर रात रैना को महसूस हुआ कि सीने पर कोई बैठा है। आंखें खोली तो देखा कि हाथ बंधे हुए हैं।
– एक मोटा बच्चा उनकी छाती पर बैठकर उनके चेहरे पर पेशाब कर रहा है।
– काफी मशक्कत के बाद मैंने उसे एक घूसा मारा और स्टेशन पर रुकी ट्रेन से नीचे गिरा दिया।