
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार मुश्किल कार्य है, लेकिन इसे किया जा सकता है। उन्होंने साथ ही आगाह किया कि अगर बिना देर किए सुधारों को अमली-जामा नहीं पहनाया गया तो यह विश्व निकाय ‘अप्रासंगिक’ बन जाएगा। जयशंकर ने यह टिप्पणी लोवी इंस्टीट्यूट में ‘ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के बढ़ते संबंधों का महत्व और हित, जो दोनों देश सुरक्षा केंद्रित क्वॉड में साझा करते हैं’ के विषय पर अपने संबोधन के बाद एक सवाल के जवाब में की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘यह मुश्किल काम है, लेकिन इसे किया जा सकता है।’
जयशंकर ने कहा कि ऐसे महाद्वीप हैं, जो वास्तव में महसूस करते हैं कि सुरक्षा परिषद की प्रक्रिया उनकी समस्याओं पर संज्ञान नहीं लेती। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह भाव संयुक्त राष्ट्र को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है। इस समय का एक अहम घटनाक्रम है कि (अमेरिकी) राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्वीकार किया कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार की जरूरत है, यह छोटी घटना नहीं है। लेकिन हमें इसकी जरूरत है क्योंकि हम सभी जानते हैं कि वर्षों से इन सुधारों को क्यों बाधित किया गया।’
Home / News / संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार बेहद मुश्किल लेकिन मुमकिन, जयशंकर बोले- कहीं अप्रासंगिक न बन जाए UN
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