बता दें कि जुलाई 2024 में जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की तरफ से रिचार्ज प्लान में इजाफा किया गया था। इससे नाराज ग्राहकों ने बीएसएनएल की तरफ रुख कर दिया है। वही सरकार भी लगातार बीएसएनएल को मजबूती देने की कोशिश कर रही है। इसके लिए सरकार ने 6000 करोड़ रुपये सरकारी फंड जारी किया है।
देश का हर नागरिक फर्जी कॉल और मैसेज से परेशान है। ऐसे में सरकार ने टेलिकॉम नियमों में बदलाव कर दिया है, जिससे मोबाइल यूजर्स को बड़ी राहत होने वाली है। नए नियमों के मुताबिक टेलिकॉम कंपनियों को ऑप्शन दिया जाएगा कि वो ऐसी कॉल और मैसेज को इग्नोर कर सकते हैं। यूनियन टेलिकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पहले तक नियम अलग था। मोबाइल यूजर्स को टेलिकॉम कंपनियों जैसे जियो, एयरटेल, बीएसएनएल और वोडाफोन-आइडिया को कहना पड़ता था कि वो मार्केटिंग और प्रमोशन कॉल और मैसेज को बंद कर दें। हालांकि अब नए नियम के बाद मामला उल्टा हो गया है। अब मोबाइल यूजर्स ऑटोमेटिक तरीके से मार्केटिंग कॉल और मैसेज को बंद करने का ऑप्शन ऑप्ट आउट कर सकते हैं। मतलब टेलिकॉम कंपनियां ग्राहकों से पूछेंगी कि उन्हें मार्केटिंग कॉल और मैसेज चाहिए या नहीं? वही जिन्हें मार्केटिंग कॉल और मैसेज चाहिए, वो ऑप्ट इन की रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
अगले साल तक 1 लाख मोबाइल साइट हो जाएंगी चालू – केंद्रीय दूरसंचार मंत्री जॉयतिरादित्य सिंधिया ने बीएसएनएल के 4G रोलआउट पर अपडेट दिया है। मंत्री की मानें, तो अगले साल जून तक 100,000 4G साइटों को चालू कर दिया जाएगा। ऐसे में बीएसएनएल के 8 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी वाले ग्राहकों को अधिकतम बैंडविड्थ प्रदान की जा सके। बीएसएनएल की दोबारा से वापसी हो रही है। अगर बात जुलाई माह की करें, तो जुलाई में BSNL ने सबसे ज्यादा यूजर्स अपने साथ जोड़े हैं। इस मामले में BSNL ने जियो, एयरटेल, वोडाफोन -आइडिया को पीछे छोड़ दिया है।
ग्राहकों को जोड़े रखना बड़ी चुनौती – टैरिफ बढ़ोतरी के बाद बड़ी संख्या में मोबाइल यूजर्स बीएसएनएल में स्विच कर रहे हैं। हालांकि बीएसएनएल को अपने नेटवर्क के साथ इन ग्राहकों को जोड़े रखना एक चुनौती होगी। इसके लिए बीएसएनएल ग्राहक संबंध प्रबंधन (सीआरएम) मॉडल विकसित कर रही है। सरकार भी BSNL को मजबूती देने का काम कर रही है। इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी दी जा रही है। सरकार ने हाल ही में 6,000 करोड़ रुपये के सरकारी फंड का ऐलान किया है। सरकार को कोशिश 4जी कवरेज को भारत के लगभग 98 प्रतिशत जिलों तक पहुंचाने की है।