Tuesday , July 1 2025 9:59 AM
Home / News / रिपब्लिकन सीनेटर को उम्मीद: ट्रंप एच1बी वीजा को कमजोर नहीं करेंगे

रिपब्लिकन सीनेटर को उम्मीद: ट्रंप एच1बी वीजा को कमजोर नहीं करेंगे

5
वॉशिंगटन:अमरीका के एक वरिष्ठ सीनेटर ने उम्मीद जताई है कि राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप एच-1बी वीजा योजना को कमजोर नहीं करेंगे।इस वीजा योजना से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काम करने वाले भारतीयों के हित जुड़े हुए हैंं।बता दें कि H-1B वीजा को भारतीय आईटी कंपनियां जमकर इस्तेमाल करती है।हाल ही में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बिल पेश किया गया है, जिसके मुताबिक H-1B वीजाधारक को 60 हजार डॉलर की बजाय 1 लाख 30 हजार डॉलर सैलरी देने की बात कही गई है।

सीनेट की वित्त समिति के प्रमुख सीनेटर आेरियन हैच ने कहा कि ट्रंप के साथ कई मुलाकातों में उन्होंने एच-1बी वीजा कार्यक्रम को जारी रखने और इसका विस्तार करने के आर्थिक फायदों के बारे में चर्चा की।हैच ने मीडिया टेक्नोलॉजी कंपनी ‘मॉर्निंग कंसल्ट’ से कहा कि ट्रंप के साथ मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने उनको आश्वस्त किया कि वह एच-1बी वीजा को लेकर व्यावहारिक रूख अपनाएंगे।उन्होंने कहा,‘‘इससे नौकरियां पैदा होती हैं,अर्थव्यवस्था आगे की आेर बढ़ती है।मेरा मानना है कि राष्ट्रपति राजनीतिक भावनाओं को अलग रख सकते हैं।’’

हैच ने ये भी कहा, “मुझे यकीन है कि मैं ट्रंप को इस मुद्दे पर समझा लूंगा कि ये अमरीकी वर्कर्स और इकोनॉमी के हित में है।” बता दें कि 2015 में हैच ने H-1B वीजा को 1 लाख 15 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 95 हजार करने का प्रपोजल भी पेश किया था।

क्या है H-1B वीजा?
H-1B वीजा एक नॉन-इमिग्रेंट वीजा है। इसके तहत, अमरीकी कंपनियां विदेशी थ्योरिटिकल या टेक्निकल एक्सपर्ट्स को अपने यहां रख सकती हैं।H-1B वीजा के तहत टेक्नोलॉजी कंपनियां हर साल हजारों इम्प्लॉइज की भर्ती करती हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *