
चीन से ही क्यूं पनपा-
दिसंबर 2019 में धनुराशि में पहले चतुर्ग्रही योग क्रमशः गुरू, शनि, केतु तथा शुक्र का बना! तदउपरांत 26 दिसंबर को सूर्यग्रहण वाले दिन इस राशि में षष्ठग्रही योग सूर्य एवं चंद्रमा को मिलाकर बन गया! धनुराशि चूंकि उत्तर-पूर्व दिशा का प्रतिनिधित्व करती है और भारत से चीन की यही दिशा है! ग्रहणकालिक कूरग्रहों की अधिकता के इस योग ने प्राकृतिक आपदा को निर्मित किया!
ग्रह-गौचर के हिसाब से खतरा कब तक- ज्योतिषीय पडताल
वर्तमान में श्रीसूर्य शत्रुराशि मकर में 13 फरवरी तक, तदपरांत भी शत्रुराशि कुंभ में 14 मार्च तक बने रहेंगे अतः मोटे तौर पर इस वायरस का खतरा उपरोक्त अवधि तक बने रहने की संभावना बनती है! मीन सकं्रांति 15 मार्च को होगी, सूर्य यहां 13 अप्रैल तक बने रहेंगे! उच्चाभिलाषी सूर्य अप्रैल मध्य में मेषराशि पर आने पर इस संक्रमण से राहत दिला सकते हैं! मार्च अंत में उच्च के मंगल को शनि का साथ इसकी त्रीवता को बढा सकता है!
देश-दुनिया के किन इलाकों में खतरा ज्यादा
चीन के वुहान शहर जो नदी-तालाबों से घिरा हुआ है इस कारण वहां नमी बहुत है! इसलिए हमारा शोध यह कहता है कि नमी, सूर्य प्रकाश की अल्पता ने इस वाइरस को बढाने में सहायक है! इस हिसाब से देश-दुनिया के समुद्री क्षेत्र, नदी, तालाब वाले शहरांे एवं देशों में संक्रमण तेजी से फैलने की संभावना है! भारतदेश की अगर बात की जाए, केरल जो कि तटीय क्षेत्र हैं, में इस वायरस ने अपने पांव पसार लिए है! केरल राज्य ने राजकीय आपदा भी घोषित कर दिया है! मुंबई, चैन्नई सहित गुजरात के तटीय क्षेत्रों को सर्तक रहने की ज्यादा आवश्यक्ता है! दुनिया के तटीय देश सिंगापुर, थाइलैंड, मलेशिया, आॅस्ट्रेलिया, वियतनाम, नेपाल इत्यादि देश जो तटीय है अथवा नमी का प्रभाव भी है, में खतरा अधिक दिखता है!
किन राशि के जातकों को ज्यादा सचेत रहने की जरूरत-
वैसे तो सभी राशियों के जातकों को सावधानी रखनी चाहिए लेकिन धनु, मकर एवं कुंभ राशि जिन पर शनि की साढेसाती चल रही है, यदि उनकी जन्मपत्रिका में शनि नीच अथवा शत्रुक्षेत्री है उन्हें अधिक सर्तकता बरतनी चाहिए! इसके अलावा, मिथुन, वृश्चिक, कुंभ एवं धनु राशि जिसपर राहू का वर्तमान गौचर क्रमशः लग्न, अष्टम, एकादश एवं सप्तम का बना हुआ है, को भी सावधानी उपरोक्त गौचर को देखते हुए रखनी चाहिए!
संक्रमण से बचने के उपाय-
नमी (आद्रर्ता) चूंकि इस सकं्रमण को बढाने में सहायक प्रतीत हो रही है अतः घर, कार्यालय एवं गाडी में एसी के उपयोग से कुछ माह बचना चाहिए! पर्याप्त मात्रा में सूर्य का प्रकाश लेना चाहिए! उल्लेखनीय है कि सूर्य के प्रकाश में संक्रमण के कीटाणुओं को मारने की क्षमता होती है! इसके साथ ही काली मिर्च, लौंग की न्यूट्रीशियंस वेल्यू सकं्रमण को रोकने में सहायक तथा इम्यून सिस्टम को अच्छा रखने में सहायता करती है का उपयोग प्रतिदिन कर लेना चाहिए! नानवेज से दूरी का संकेत प्रकृति ने वल्र्ड फ्लू सहित कोरोना वाइरस के माध्यम से दे चुकी है, अतः इसे त्यागना ही श्रेयस्कर होगा!
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