
ब्रिटेन के व्यापारी रिचर्ड ब्रैंसन ने रविवार को इतिहास रच दिया। 70 साल की उम्र में रिचर्ड प्राइवेट प्लेन में स्पेस का सफर करके लौट आए। उनके साथ भारत में जन्मीं शिरीषा बांदला भी इस ट्रिप पर गई थीं। इसके साथ ही शिरीषा भारत में जन्मीं स्पेस में जाने वाले दूसरी महिला और तीसरी भारतवंशी बन गईं। उनसे पहले यह कारनामा कल्पना चावला ने किया था जब 2003 में वह अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के लिए गई कोलंबिया मिशन पर गई थीं। वहीं, सबसे पहले भारतीय नागरिक तौर पर विंग कमांडर राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे।
रिचर्ड ने इस सफर के दौरान प्लेन से ली गई तस्वीर ट्वीट की। उन्होंने लिखा- ‘स्पेस युग की नई सुबह में आपका स्वागत है।’ दुनिया के कई अरबपति सबसे पहले स्पेस का सफर करना चाहते थे लेकिन ब्रैंसन ने यह बाजी मार ली। इसके साथ ही स्पेस एक्सप्लोरेशन के साथ प्राइवेट स्पेस ट्रैवल का नया दौर भी शुरू होता दिख रहा है। खासकर तब जब कुछ ही दिन बाद जेफ बेजोस भी स्पेस की यात्रा करने वाले हैं।
एयरोनॉटिकल इंजिनियर बांदला ने उड़ान भरने से पहले ट्वीट किया, ‘यूनिटी 22 के शानदार चालक दल का सदस्य और कंपनी का हिस्सा बनाकर अभूतपूर्व तरीके से सम्मानित किया है जिसका मिशन अंतरिक्ष को सभी के लिए मुहैया कराना है।’ बता दें कि बांदला का जन्म आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में हुआ है जबकि उनकी परवरिश ह्यूस्टन में हुई है। अंतरिक्ष यात्री के तौर पर उनका बैज संख्या 004 है और उड़ान में उनकी भूमिका अनुसंधान करने की है।
भारतीय मूल की तीसरी महिला : बांदला अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला बन गई हैं। उनसे पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष का सफर कर चुकी हैं। विलियम्स का जन्म अमेरिका में ही हुआ था। हालांकि, भारतीय नागरिक के तौर पर अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले एक मात्र विंग कमांडर राकेश शर्मा हैं। वायुसेना के पूर्व पायलट शर्मा तीन अप्रैल 1984 को सोवियत इंटरकोस्मोस कार्यक्रम के तहत सोयुज टी-11 से अंतरिक्ष में गए थे।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website