रियो: 31वें रियो ओलंपिक की क्लोजिंग सेरेमनी बड़ी ही शानदार तरीके के साथ हुई। क्लोजिंग सेरेमनी ऐतिहासिक मारकाना स्टेडियम में हुई। कार्यक्रम की शुरुआत बेहतरीन रंग-बिरंगी रोशनी के बीच हुई। कई कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति पेश की और ओलंपिक रिंग्स और क्राइस्ट द रिडीमर का आकार बनाकर स्टेडियम में खूबसूरत नजारा पेश किया। रियो ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा।अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थामस बाक ने स्थानीय समयानुसार रविवार रात 10.30 बजे (भारतीय समयानुसार सोमवार सुबह 7 बजे) माराकाना स्टेडियम में टोक्यो में 2020 में मिलने के वादे के साथ इन खेलों का समापन किया।
टोक्यो को 2020 ओलंपिक की मेजबानी दी गई है और उसने अपने प्रधानमंत्री शिंजो एबे के नेतृत्व में 32वें ओलंपिक खेलों की तैयारियों की अपनी झलक पेश की। बाक ने इस दौरान रियो के मेयर एडवडरे पेस से ओलंपिक झंडा लेकर टोक्यो की मेयर (गवर्नर) यूरीकी कोइके को सौंपा। क्लोजिंग सेरेमनी में ब्राजील का नैशनल एंथम 27 बच्चों ने गाया। इसके बाद ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले 207 देशों के खिलाड़ियों ने स्टेडियम में मार्च पास्ट करना शुरू किया। इसमें सबसे पहले ओलंपिक खेलों की शुरुआत करने वाला देश ग्रीस था।
ब्राजील और जापान का दल एक साथ स्टेडियम में दाखिल हुए क्योंकि ब्राजील ने इस बार के ओलंपिक की मेजबानी की तो अगले ओलंपिक की मेजबानी जापान करेगा। क्लोजिंग सेरेमनी में भारत की तरफ से रेसलिंग में रजद पदक जीतने वाली साक्षी मलिक भारतीय ध्वज लेकर स्टेडियम में दाखिल हुईं। पीवी सिंधू स्वदेश वापस लौट चुकी हैं और इसी वजह से वो इस इवेंट का हिस्सा नहीं बनीं।
बता दें कि इस बार रियो में 119 खिलाड़ियों का दल भेजा गया था, जिसमें भारत को सिर्फ 2 मेडल मिले। रियो में सिर्फ पी.वी. सिंधू (सिल्वर) और साक्षी मलिक (ब्रॉन्ज) ही मेडल जीत पाईं। इस साल किसी भी भारतीय पुरुष खिलाड़ी को मेडल नहीं मिला है। 2 मेडल के साथ भारत को ओलंपिक की मेडल लिस्ट में 67वां स्थान मिला।