
यूक्रेन और रूस के बीच तनाव गहराता जा रहा है। यूक्रेन के राजनयिकों ने रूस की सेना को ‘दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा सैनिकों का मूवमेंट’ बताया है। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो हाइडेन ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से तनाव कम करने और किसी भी तरह के सैन्य ऐक्शन से बचने की अपील की है। यूक्रेन की सेना के सार्जेंट साशा लोवेंको ने बताया कि सीमा पर सैनिकों और उपकरण में बढ़त देखी जा सकती है और अगर हमला होता है तो जवाब देने की तैयारी है।
40 हजार सैनिक तैनात : इससे पहले यूक्रेन की तीन गनबोट्स के रूसी जहाजों पर फायर करने की नौबत आ गई थी। आरोप है कि रूसी जहाज उन्हें उकसाने का काम कर रहे थे और उन्हें जवाबी कार्रवाई की चेतावनी देनी पड़ी। यूक्रेन की सरकार ने अनुमान लगाया है कि क्रीमिया में 40 हजार सैनिक और सैन्य उपकरण लगाया जा रहा है और पूर्वी सीमा पर भी। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्सकी 15 अप्रैल को पेरिस गए था। यहां उन्होंने पुतिन के साथ फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों और जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल के साथ बातचीत की थी।
कुछ दिन पहले पुतिन के आदेश पर रूसी सेना में रोबोट टैंक की यूनिट्स को एक्टिव कर दिया गया था। रूस के इस कदम को तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि, नाटो में शामिल यूक्रेन के पक्ष में भी अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और तुर्की समेत कई देश खुलकर आ गए हैं।
पुतिन ने दी चेतावनी : इसके बाद पुतिन ने अमेरिका समेत यूरोपीय देशों को चेतावनी देते हुए तनाव न भड़काने की सलाह दी थी। रूसी सेना के सैनिकों और हथियारों के यूक्रेन बॉर्डर की तरफ बढ़ते काफिले को देख पूरी दुनिया में दहशत है। वहीं, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल के फोन के जवाब में रूस ने दो टूक लहजे में कहा है कि वह अपने देश के अंदर सेना के किसी भी मूवमेंट को करने के लिए स्वतंत्र है।
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