रूस ने अपने दो सबसे घातक विमानों सुखोई-35 और स्टील्थ लड़ाकू विमान सुखोई-57 को नई घातक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल R-77M या K-77M से लैस कर दिया है। यही नहीं यूक्रेन युद्ध में इस नई मिसाइल का रूसी वायुसेना ने इस्तेमाल करना भी शुरू कर दिया है। यह नई R-77M मिसाइल पहले की R-77 बियांड विजुअल रेंज मिसाइल से काफी ज्यादा ताकतवर है। इस नई मिसाइल के आने से यूक्रेन के वायुसेना की चुनौती काफी बढ़ गई है। सोशल मीडिया में एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें दिखाई दे रहा है कि Su-35S फ्लैंकर मल्टीरोल विमान R-77M से लैस है। यूक्रेनी सेना के सूत्रों ने भी खुलासा किया है कि रूसी विमान अब R-77M मिसाइल से लैस हैं। यह वही दोनों विमान हैं जिन्हें रूस ने भारत को ऑफर किया है। भारत ने सुखोई-35 और सुखोई-57 स्टील्थ विमान पर अभी कोई फैसला नहीं किया है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल भारत के दौरे पर आने वाले हैं। माना जा रहा है कि इस दौरान भारत और रूस के बीच में R-77M मिसाइल से लैस दोनों ही सुखोई विमानों के बारे में बातचीत होगी। यूक्रेनी सेना के सूत्रों का कहना है कि R-77M मिसाइल में एक नया ड्यूल मोड इंजन लगा है और एक एक्टिव रडार है। सोवियत संघ ने 1980 के दशक में अमेरिका की AIM-120 AMRAAM के जवाब में R-77 मिसाइल को बनाया था। इस एक्टिव सीकर रडार से लैस सोवियत मिसाइल को तकनीकी लिहाज से उस समय एक बड़ी सफलता माना गया था।
भारतीय वायुसेना के लिए गुड न्यूज है R-77M मिसाइल – भारतीय वायुसेना भी अपने सुखोई -30 फाइटर जेट में R-77 मिसाइल का इस्तेमाल करती है। इस मिसाइल को रूसी कंपनी व्यमपेल डिजाइन ब्यूरो ने किया है। इस नई R-77M मिसाइल को इस तरह से बनाया गया है कि सुखोई-57 फाइटर जेट अपने अंदर छिपा सकता है। इससे सुखोई-57 की स्टील्थ क्षमता काफी बढ़ जाती है। R-77 1s मिसाइल जहां 110 किमी तक मार कर सकती है, वहीं R-77M की मारक क्षमता 190 किमी तक है जिससे यह एक अपराजेय हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल बन जाती है। इस मिसाइल में ऐसे अत्याधुनिक सीकर लगाए गए हैं जो इलेक्ट्रानिक काउंटरमेजर्स को फेल कर देते हैं। इससे दुश्मन के फाइटर जेट को मार गिराना अब बेहद आसान हो जाएगा।
Home / News / रूस ने सुखोई-57 और Su-35 को R-77M सीक्रेट मिसाइल से किया लैस, PL-15 को मिलेगी मात, पुतिन का ऑफर मानेगा भारत?