
युक्त राष्ट्र महासभा में रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) से निलंबित करने के प्रस्ताव को गुरुवार को बहुमत से पारित कर दिया गया। प्रस्ताव के पक्ष में 93 देशों ने मत दिये जबकि चीन, क्यूबा, बेलारूस, बोलोबिया, वियतनाम सहित 24 देशों ने रूस को निलंबित करने के प्रस्ताव के विरोध में वोट डाला।
भारत, पाकिस्तान, कतर, मैक्सिको, मलेशिया, मालदीव, इराक, जॉडर्न, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र सहित 58 देशों ने मत विभाजन में हिस्सा नहीं लिया। अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के नेतृत्व में यह प्रस्ताव यूक्रेन में रूसी सेनाओं द्वारा स्थानीय लोगों के मानवाधिकारों के कथित रूप से बर्बर हनन करने के खिलाफ लाया गया था।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत ने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित मानवाधिकार परिषद से रूसी संघ के निलंबन के संबंध में प्रस्ताव पर परहेज किया है। हम बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित रहना जारी रखते हैं और सभी शत्रुताओं को समाप्त करने के अपने आह्वान को दोहराते हैं। जब निर्दोष मानव जीवन दांव पर लगा हो, तो कूटनीति ही एकमात्र व्यवहार्य विकल्प के रूप में प्रबल होनी चाहिए। बुचा में नागरिकों की हत्याओं की हालिया रिपोर्टें बहुत परेशान करने वाली हैं। हमने इन हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा की है और स्वतंत्र जांच के आह्वान का समर्थन करते हैं।
यूक्रेन के प्रतिनिधि ने कहा कि हम अब एक अनोखी स्थिति में हैं, जब किसी अन्य संप्रभु राज्य के क्षेत्र में यूएनएचआरसी का एक सदस्य भयानक मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है और दुर्व्यवहार करता है जो युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के बराबर है। यूएनएचआरसी में रूसी संघ की सदस्यता के अधिकारों का निलंबन एक विकल्प नहीं है, बल्कि एक कर्तव्य है।
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