
कभी सोवियत संघ (USSR) का हिस्सा रहे रूस और दूसरे देशों में नाजी जर्मनी को हराने पर 9 मई का दिन ‘Victory Day’ यानी विजय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हर साल रूस में इसके जश्न में परेड निकाली जाती हैं। मॉस्को में हजारों सैनिक, गाड़ियां और एयरक्राफ्ट अपना जलवा दिखाते हैं। इस साल कोरोना वायरस के चलते प्रतिबंधों और वैक्सिनेशन कैंपेन के बीच यह परेड हुई। पिछले साल इस परेड को जून के लिए टालना पड़ा था।
हजारों सैनिक और हथियार : इस साल परेड रविवार सुबह 10 बजे शुरू हुई। रक्षामंत्री सर्गे शोऊगू और परेड कमांडर जनरल ओलेग साल्युकोव ने सैनिकों का इंस्पेक्शन किया और फिर परेड की शुरुआत हुई। परेड से पहले राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्व सैनिकों को धन्यवाद दिया और उनकी वीरता को सलाम किया। इस साल परेड में 12 हजार सेवा सदस्य, 190 से ज्यादा सैन्य वाहन और 76 एयरक्राफ्ट शामिल हुए। मॉस्को के अलावा देश में अलग-अलग जगहों पर परेड का आयोजन किया गया।
महिला सैनिकों की बहादुरी : रूसी सशस्त्र बलों की जल, थल और वायुसेना की सिग्नल्स, हवाई, रेलवे, इंजिनियरिंग, NBC डिफेंस, रॉकेट ट्रूप और नैशनल गार्ड टुकड़ियों ने प्रदर्शन किया। इस बार लोगों का खास ध्यान खींचा रूस की महिला सेवा सदस्यों ने। ये कैडेट रूस की 5 सबसे प्रतिष्ठित सैन्य अकैडमी से आई थीं। इनमें होम फ्रंट, साइकॉलजिस्ट, ट्रांसलेटर, वकील, वित्तीय विशेषज्ञ और एयरोस्पेस फोर्स और सिग्नल ट्रूप की अधिकारी रहीं। रूस की सेना में 40 हजार महिला सैनिक हैं।
आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन : परेड के दौरान सैन्य उपकरण का प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान 10 विंटेज दूसरे विश्वयुद्ध काल के T-34-85 टैंक ने शुरुआत की। इनके बाद आधुनिक हथियार दिखाए गए जिनमें T-72B3M, T-80BVM, T-90M और T-14 आरमाटा टैंक शामिल रहे। इसके बाद रॉकेट, एयरड्रॉप वीइकल, एयर डिफेंस सिस्टम, TOS-1A मल्टिपल रॉकेट लॉन्चर पेश किए गए। इनके अपग्रेडेड वर्जन्स की रेंज 10 किमी तक होती है।
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