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बदला रूस का संविधान, 2036 तक राष्ट्रपति रहेंगे व्लादिमीर पुतिन


बदला रूस का संविधान, 2036 तक राष्ट्रपति रहेंगे व्लादिमीर पुतिनरूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 2036 तक पद पर बने रहने का प्रावधान करने वाले संविधान संशोधन पर देश के लगभग 78 प्रतिशत मतदाताओं ने मुहर लगा दी है। रूस के चुनाव अधिकारियों ने गुरुवार को मतगणना पूरी होने के बाद यह जानकारी दी। दो दशक से रूस पर शासन कर रहे 67 वर्षीय पुतिन का कार्यकाल 2024 में समाप्त होने वाला था। संविधान संशोधन के जरिए 83 साल की उम्र तक अगले दो कार्यकाल के लिए उन्हें फिर से सत्ता मिलने का रास्ता साफ हो गया। रूस में राष्ट्रपति का कार्यकाल छह साल का होता है। वहीं, क्रेमलिन के आलोचकों का कहना है कि अपेक्षित नतीजे पाने के लिए मतदान में धांधली की गई।
‘क्रेमलिन जो चाहेगा, मिलेगा’
रूस के केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कहा कि सप्ताह भर चली मतदान की प्रकिया का अंत बुधवार को हुआ और बृहस्पतिवार की सुबह तक मतगणना पूरी कर ली गई थी। आयोग ने कहा कि 77.9 प्रतिशत मत संविधान संशोधन के पक्ष में पड़े और 21.3 प्रतिशत मत संशोधन के विरोध में डाले गए। चुनाव के आंकड़ों से दस साल में पुतिन को मिले सबसे ज्यादा जन समर्थन का पता चलता है। क्रेमलिन में भाषण लिखने से लेकर राजनीतिक विश्लेषक तक का सफर तय कर चुके अब्बास गल्यामोव ने कहा था, ‘क्रेमलिन जो परिणाम चाहता है, उसे प्राप्त करने से कोई नहीं रोक सकेगा।’

रूस में हो रहा विरोध
सन 2018 के चुनाव में 76.7 प्रतिशत मतदाताओं ने पुतिन की उम्मीदवारी का समर्थन किया था जबकि 2012 के चुनाव में केवल 63.6 प्रतिशत मतदाता पुतिन को राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते थे। क्रेमलिन के आलोचकों का कहना है कि देश में जीवन स्तर घट रहा है जिससे देश में बड़े स्तर पर निराशा का माहौल व्याप्त है और ऐसे में पुतिन के पक्ष में आए मतदान के आंकड़े वास्तविक नहीं हैं। हालांकि देश का विपक्ष मतदान से पहले बंटा हुआ दिखा और वह चुनाव अभियान के दौरान प्रभावी रूप से विरोध दर्ज कराने में असफल रहा।

दिए गए थे कई ‘इनाम’
लोगों को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते अधिकारियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इसके लिए उपहार के तौर पर कारें और फ्लैट दिए जाने की योजनाएं लाई गईं, विख्यात लोगों के माध्यम से पक्ष में मतदान करने की अपील गई, सरकारी अस्पतालों और स्कूलों के कर्मचारियों पर भी मतदान का दबाव बनाया गया। मास्को के अधिकारियों ने मतदान करने वालों को उपहार देने के लिए दस अरब रूबल (साढ़े चौदह करोड़ डॉलर) आवंटित कर दिए।