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भारत पहुंची रूस की साइलेंट किलर उफा सबमरीन, अमेरिका जैसे देश भी खाते हैं खौफ, जानें क्या है ताकत


रूसी सबमरीन की कोच्चि में यह डॉकिंग ऐसे समय हुई है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए रूस के कजान में हैं। यहां उनकी रूसी राष्ट्रपति पुतिन से भी खुशगवार माहौल में मुलाकात हुई है। अगस्त में भी रूसी युद्धपोत अपने मिशन के दौरान कोच्चि पहुंचे थे।
रूस की पनडुब्बी उफा मंगलवार को कोच्चि बंदरगाह पर पहुंची, यहां भारतीय नेवी के अफसरों ने उसका स्वागत किया। पीआरओ डिफेंस कोच्चि ने उफा की आगवानी करते अफसरों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि ये भारत और रूस के बीच अटूट दोस्ती का प्रतीक है। दोनों देशों में समुद्री सहयोग लगातार बढ़ रहा है। भारत पहुंची रूसी पनडुब्बी उफा बिना शोर के पानी के नीचे ऑपरेशन की क्षमता रखती है, जो इसे खास बनाती है। उफा को कई मामलों में अमेरिका की उन्नत सबरीन पर भी भारी माना जाता है।
उफा डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी को रूस ने नवंबर 2019 में लॉन्च किया था और 2022 में अपनी नेवी में शामिल किया था। ये रूस की सबसे उन्नत हमलावर पनडुब्बियों में एक है। रूस के प्रोजेक्ट 636.3 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों में से एक उफा को उन्नत स्टील्थ पोत के रूप में जाना जाता है। इसे रडार आसानी से नहीं तलाश पाती है। रूस की उफा पनडुब्बियों को दुनिया की सबसे शांत पनडुब्बियों में गिना जाता है, इसलिए इन सबमरीन को साइलेंट किलर का नाम भी मिला है।
उफा को क्यों खास मानते हैं एक्सपर्ट – एक्सपर्ट रूस की पनडुब्बियों को एक अजेय बेड़ा मानते है, जो रूस के सतही जहाजों की तुलना में दुश्मन के लिए बड़ा खतरा है। रूस ने 2016 में छह प्रोजेक्ट 636.3 पनडुब्बियों के लिए एक डील पर हस्ताक्षर किए थे। उसे पहली पनडुब्बी मार्च 2019 में लॉन्च की गई। इन पनडुब्बियों की लंबाई 240 फीट है और ये 20 समुद्री मील तक की गति से यात्रा कर सकती हैं। हमलावर पनडुब्बियों में 52 लोगों का दल होता है और ये 45 दिनों तक समुद्र में रह सकती हैं, जो किसी भी दुश्मन सेना पर भारी पड़ सकती है।
भारत में उफा के पहुंचने पर रूसी दूतावास ने कहा कि 21 अक्टूबर को रूसी नौसेना के प्रशांत बेड़े के जहाजों की एक टुकड़ी कोच्चि के बंदरगाह पर एक व्यापारिक कॉल पर पहुंची। इसमें डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी उफा और बचाव टग अलताउ भी शामिल थे। यात्रा के कार्यक्रम में भारतीय नौसेना के दक्षिणी नौसेना कमान के प्रतिनिधियों के साथ बैठक, प्रतियोगिताएं और आपूर्ति शामिल है।