बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को वर्ष 1998 में दो दुर्लभ काले हिरणों के शिकार मामले में गुरुवार को यहां की एक अदालत ने पांच साल कैद की सजा सुनाई, जबकि चार अन्य सह आरोपियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया। 20 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे राजस्थान के विश्नोई समाज ने ‘दबंग’ को सलाखों के पीछे पहुंचाकर ही दम लिया। कानून पर देश का भरोसा बढ़ा। मुख्य न्यायाधीश देव कुमार खत्री ने सजा पढ़ते समय सलमान खान (52) को देश के वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत ‘आदतन अपराधी’ की संज्ञा दी। इस दौरान अदालत कक्ष में सलमान की बहनें- अलवीरा और अर्पिता भी मौजूद थीं। अभिनेता को कड़ी सुरक्षा के बीच जोधपुर केंद्रीय कारावास ले जाया गया, जहां वह बैरक संख्या एक में सजा की पहली रात जोधपुर सेंट्रल जेल में कटी। दुष्कर्म के दोषी आसाराम बापू, भंवरी देवी हत्याकांड का आरोपी मलखान सिंह विश्नोई और एक मुस्लिम की हत्या कर उसका वीडियो बनाने का दोषी शंभूलाल रैगर भी इसी जेल में है। अदालत ने सलमान पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सलमान खान के वकील पूरे कोशिश में जुडे हुए है कि आज जोधपुर सेशन कोर्ट से जमानत मिल जाए। वकीलों ने तो गुरुवार को ही सीजेएम कोर्ट का फैसला आने के बाद सलमान को बेल दिलाने की पूरी कोशिश की थी। अभिनेता सलमान के वकील आनंद देसाई के अनुसार सेशन कोर्ट जमानत याचिका पर आज सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी। देसाई ने उम्मीद जताई है कि सलमान को सेशन कोर्ट से जमानत मिल जाएगी। उनका कहना था कि सीजेएम कोर्ट का फैसला इसलिए हैरानी भरा है, क्योंकि राजस्थान हाईकोर्ट ने जिन सबूतों और साक्ष्यों के आधार पर सलमान को बरी कर दिया था, सीजेएम कोर्ट ने उन्हीं सबूतों और गवाहों के आधार पर यह सजा का फैसला सुनाया है।