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नमक भी हो सकता है हेल्दी या हार्मफुल, डॉ. गीता ने बताया कौन सा नमक है आपके लिए सही


तीन तरह के नमकों को लेकर अक्सर लोग कंफ्यूज रहते हैं कि सेहत के लिए सबसे बेहतर कौन सा है। डॉ. गीता ने बताया कि पिंक, व्हाइट और ब्लैक नमक के अलग-अलग फायदे हैं और सही चुनाव आपकी सेहत पर निर्भर करता है।
आजकल हेल्थ को लेकर लोग पहले से ज़्यादा जागरूक हो गए हैं, और इसी के चलते रोज़ाना इस्तेमाल होने वाली चीज़ों में भी समझदारी दिखाने लगे हैं। नमक, जो हर रसोई का अहम हिस्सा है, अब सिर्फ स्वाद के लिए नहीं बल्कि सेहत के लिहाज़ से भी ध्यान देने की चीज़ बन चुका है। बाजार में पिंक (हिमालयन), व्हाइट (साधारण) और ब्लैक (काला) नमक मौजूद हैं, और यहीं से शुरू होती है कंफ्यूजन।
बहुत से लोग सोचते हैं कि पिंक नमक है तो जरूर हेल्दी होगा, लेकिन क्या ये सच है? या फिर ब्लैक नमक जो आयुर्वेद में लंबे समय से इस्तेमाल हो रहा है, वही सबसे बेहतर है? डॉ. गीता श्रॉफ, निदेशक, नुबेला सेंटर फॉर वुमेन हेल्थ, नई दिल्ली के अनुसार हर नमक का अपना एक खास रोल है और ये समझना ज़रूरी है कि आपके शरीर और जीवनशैली के अनुसार कौन सा नमक सही है।
नमक चुनते वक्त सिर्फ ट्रेंड्स पर नहीं, अपनी सेहत की ज़रूरतों पर ध्यान देना चाहिए। पिंक नमक में मिनरल्स ज्यादा होते हैं, व्हाइट नमक आयोडीन का अच्छा स्रोत है और ब्लैक नमक डाइजेशन में मदद करता है। तो आइए, जानते हैं तीनों नमकों के फायदे और सीमाएं ताकि अगली बार जब आप नमक चुनें, तो वो हो एक समझदारी भरा फैसला। (Photo Credit):iStock
पिंक नमक: मिनरल्स से भरपूर लेकिन हर किसी के लिए नहीं – पिंक नमक में लगभग 80 से अधिक मिनरल्स पाए जाते हैं जो शरीर के कई फंक्शन को सपोर्ट करते हैं। लेकिन इसमें आयोडीन की कमी होती है, जो थायरॉयड हेल्थ के लिए जरूरी है। इसलिए अगर आयोडीन की कमी है, तो इसका सीमित उपयोग ही करें।
व्हाइट नमक: साधारण लेकिन ज़रूरी – यह सबसे आम नमक है जो लगभग हर घर में इस्तेमाल होता है। इसमें आयोडीन मिलाया जाता है, जिससे यह थायरॉयड ग्रंथि को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। हालांकि, ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है।
ब्लैक नमक: डाइजेशन का बेस्ट दोस्त – काला नमक आयुर्वेद में लंबे समय से गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें सोडियम की मात्रा कम होती है, जिससे यह हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए बेहतर विकल्प बन सकता है।
बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए कौन सा नमक सही – बच्चों के विकास के लिए आयोडीन ज़रूरी होता है, इसलिए उनके लिए व्हाइट नमक उपयुक्त है। वहीं, बुज़ुर्गों को हाई ब्लड प्रेशर या हृदय रोगों की संभावना होती है, तो उनके लिए ब्लैक या सीमित मात्रा में पिंक नमक बेहतर हो सकता है।
कैसे करें स्मार्ट चॉइस और बैलेंस बनाए रखें – डॉ. गीता का मानना है कि किसी एक नमक पर पूरी तरह निर्भर न रहें। आप अपनी डाइट में इन सभी नमकों को बैलेंस करके इस्तेमाल कर सकते हैं — जैसे सलाद में ब्लैक नमक, खाना पकाने में व्हाइट और स्पेशल ड्रिंक्स में पिंक। इससे सेहत भी ठीक रहेगी और स्वाद भी।