
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वां में इमरान खान की पार्टी पीटीआई की सरकार है। पीटीआई की हालिया दिनों में पाक सेना और सरकार से ठन गई है। ऐसे में सरकार ये कदम उठा सकती है।
पाकिस्तान सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में गवर्नर शासन का संकेत दिया है। शहबाज शरीफ के मंत्री बैरिस्टर अकील मलिक ने यह कहा है। मलिक का बयान केपी के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर धरने के बाद आया है। सोहेल समेत पीटीआई के ज्यादातर नेता इस समय जेल में बंद इमरान खान की सेहत के बारे में जानने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। यह फैसला लिया जाता है तो केपी से भी पीटीआई की सरकार चली जाएगी और यहां शासन सीधे केंद्र की सरकार के हाथ में आ जाएगा।
अकील मलिक ने जियो न्यूज से कहा है कि केपी प्रांत में सुरक्षा और शासन संबंधी समस्याओं के चलते गवर्नर शासन लगाना उचित है। उन्होंने कहा कि सीएम अफरीदी की सरकार पूरी तरह से फेल है। वह ना तो केंद्र के साथ कोई तालमेल रखना चाहते हैं और ना ही अपने प्रशासन से काम ले पा रहे हैं।
सरकार विचार कर रही है: मलिक – मलिक ने कहा कि केपी में गवर्नर शासन एक संवैधानिक उपाय है। केपी की स्थिति स्वयं इस संबंध में एक कदम उठाने की मांग करती है ताकि वहां एक प्रशासनिक संरचना की उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके। ऐसे में पाकिस्तान सरकार केपी में गवर्नर का शासन लगाने के विकल्प पर विचार कर रही है।
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