Monday , June 30 2025 5:55 AM
Home / Entertainment / Bollywood / शाहिद कपूर बचपन में हुए बुली, पिता का साथ न होने के कारण झेला दुख, बोले- लगता था मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है

शाहिद कपूर बचपन में हुए बुली, पिता का साथ न होने के कारण झेला दुख, बोले- लगता था मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है


शाहिद कपूर ने एक इंटरव्यू में पिता की कमी और बचपन में बुली किए जाने पर बात की। शाहिद के माता-पिता का जब तलाक हुआ, तब वह 3 साल के थे। शाहिद ने बताया कि स्कूल में बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे और बुरा फील करवाते थे। उन्हें लगता था कि जिंदगी खत्म हो गई है।
शाहिद कपूर इस वक्त अपनी फिल्म ‘देवा’ को लेकर चर्चा में हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में अपने बचपन, पिता की कमी और बुली किए जाने पर बात की। शाहिद को उनकी मां नीलिमा अजीम ने पाला। मां-बेटे दिल्ली में रहते थे और पिता पंकज कपूर मुंबई में। शाहिद साल में सिर्फ एक ही बार पिता से मिल पाते थे। एक्टर ने बताया कि उन्हें अपनी जिंदगी में हमेशा एक खालीपन महसूस होता है क्योंकि उनके पैरेंट्स साथ नहीं थे। शाहिद ने बताया कि इस वजह से उन्हें स्कूल में काफी बुली किया गया। क्लास के बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे।
शाहिद कपूर ने राज शमानी को दिए इंटरव्यू में अपने बचपन के बारे में बात की और एक बच्चे की जिंदगी में पिता का रोल कितना अहम है, इस पर भी बोले। शाहिद जब छोटे थे, तभी उनकी मां नीलिमा अजीम और पिता पंकज कपूर का तलाक हो गया था। इसका असर शाहिद पर भी पड़ा।
‘शाहिद कपूर थे शाहिद खट्टर, मुझे नहीं पता था कि वो पंकज के बेटे हैं…’ रमेश तौरानी ने कहा- उसने पहचान छिपाई थी
‘3 साल का था, पापा एक बार मिलने आते थे, उनकी कमी रही’ – शाहिद ने बताया, ‘जब पापा छोड़कर गए तो दिल में एक खालीपन रह गया था। मैं दिल्ली में रहता था और 3 साल का था। पापा साल में एक बार मुंबई से मुझसे मिलने आते थे। मैं ज्यादातर मां के साथ ही रहा। इसलिए मेरी जिंदगी में एक पुरुष की कमी रही। पैरेंट्स आपके दो पैरों की तरह होते हैं। उनमें से एक ना हो तो आप खुद को बैलेंस नहीं कर पाते। दोनों पैरेंट्स का अहम रोल होता है।’
‘बच्चों ने बुरा महसूस करवाया, लगा जिंदगी बर्बाद हो गई है’ – शाहिद ने कहा कि स्कूल के बच्चे उन्हें चिढ़ाते थे और बुरा महसूस करवाते थे। वह बोले, ‘बच्चे बहुत मतलबी होते हैं। जब आपके माता-पिता नहीं होते हैं, तो वो आपको इसके बारे में बुरा महसूस करवाते हैं। यह सामान्य नहीं है। और अन्य बच्चों ने मुझे ऐसा महसूस करवाया। वो बच्चे नहीं जानते कि वो क्या कर रहे हैं। मैं जब बाकी बच्चों को उनके पिता के साथ देखता था, तो बुरा लगता था। लेकिन आखिर में मुझे लगता था कि मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है।’ शाहिद ने कहा कि अब जब वह खुद एक बेटी और एक बेटे के पिता बन चुके हैं, तो समझ सकते हैं कि जब वह बच्चों के आसपास नहीं होते तो उन्हें कैसा लगता होगा।