भारत में रह रही बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव पर एंबेसडर माशफी बिन्ते शम्स ने बयान दिया है। भारत में एंबेसडर रहीं मशफी का मानना है कि शेख हसीना का प्रत्यर्पण मुद्दा भारत और बांग्लादेश के रिश्ते पर प्रभाव नहीं डालेगा।
भारत में बांग्लादेश की पूर्व उप उच्चायुक्त मशफी बिन्ते शम्स का मानना है कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा दोनों देशों के संबंधों पर कोई गंभीर फर्क नहीं डालेगा। मशफी ने बुधवार को कहा कि हसीना का प्रत्यर्पण बांग्लादेश सरकार के लिए जरूरी है लेकिन यह अकेला मुद्दा नहीं है। अकेले हसीना के मुद्दे से संबंध खराब नहीं हो जाएंगे क्योंकि दोनों देश कई मुद्दों पर काम कर रहे हैं। शेख हसीना बीते साल 5 अगस्त को ढाका छोड़ने के बाद से भारत में रह रही हैं। बांग्लादेश छोड़ने के बाद हसीना पर वहां हत्या समेत कई गंभीर मुकदमे दर्ज हुए हैं। बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना पर मुकदमा चलाने के लिए उनको सौंपन की मांग की है।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, मशफी बिन्ते शम्स ने कहा कि शेख हसीना के प्रत्यर्पण के मुद्दे ने ही बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों को तनावपूर्ण नहीं किया है। दोनों देशों में कई मुद्दे हैं, जिन पर काम हो रहा है। मशपी ने कहा कि दोनों देशों को संबंधों पर दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘जब 22 साल पहले वह भारत में थीं, तब भी भारत के साथ रिश्ते मुश्किल थे। 1975 के बाद भी भारत के साथ बांग्लादेश के रिश्ते तनावपूर्ण रहे थे। इसलिए मुझे लगता है कि हमें दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।’
शेख हसीना के खिलाफ वारंट, पोसपोर्ट रद्द – बांग्लादेश सरकार की ओर से बताया गया है कि पासपोर्ट विभाग ने शेख हसीना सहित 75 लोगों के पासपोर्ट जुलाई की हत्याओं में शामिल होने के कारण रद्द किए है। यूनुस सरकार का कहना है कि शेख हसीना को मुकदमा चलाने के लिए ढाका लाया जाएगा। इसके लिए भारत से अनुरोध भी किया गया है। प्रत्यर्पण के मामले में सूत्रों ने बताया कि यूनुस सरकार ने जरूरी औपचारिकताएँ पूरी नहीं कीं। इसलिए भारत सरकार के इस मांग पर कोई कार्रवाई करने की संभावना कम है।
Home / News / शेख हसीना का प्रत्यर्पण अहम नहीं… भारत-बांग्लादेश संबंधों पर पूर्व राजदूत मशफी का बड़ा बयान, दोनों देशों को दी सलाह