
पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत ने देशभर के हिलाकर रख दिया था। लोगों में गुस्सा था और सरकार के आगे बार बार बदले की मांग की जा रही थी। ऐसे में मंगलवार सुबह भारतीय एयरफोर्स की ओर से पुलवामा हमले का बदला लेने का दावा किया गया है । सोमवार देर रात 3:30 बजे इंडियन एयरफोर्स के 12 मिराज 2000 फाइटर जेट्स विमानों ने POK और बालाकोट में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद के ठिकानों पर लगभग 1000 किलो बम गिरा कर पाक को हिला कर रख दिया।
इस हमले के बाद बौखलाए पाकिस्तान द्वारा जहां इसे सीमा उल्लंघन का आरोप लगा कर किसी जानमाल का नुसान होने का दावा किया जा रहा है वहीं पाकिस्तान की संसद में विपक्ष द्वारा इमरान खान सरकार के खिलाफ शेम- शेम, शर्म करोे के नारे लगा कर विरोध जताते इमरान सरकार पर देश को खतरे में डालने का आरोप लगाया गया है। पाक संसद में इमरान सरकार से इस हमले को लेकर जबाव मांगा जा रहा है। संसद में आज सांसदों की मौजूदगी भी कम रही। संसद में सभी ने कड़े शब्दों में भारत की इस कार्रवाई की निंदा की। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘जो आज मुल्क के साथ हुआ उसका मुझे दुख है। पाकिस्तान को पता है कि अपनी रक्षा कैसे करनी है। पाकिस्तान एक जिम्मेदार मुल्क है। ओसामा के वक्त हम कुछ सीमाओं की वजह से चुप रहे। लेकिन अब हमें चुप नहीं रहना चाहिए।
मामले की गंभीरता को देखते पाकिस्तान सदन की बुधवार को विशेष बैठक बुलाई गई है। बता दें कि भारत के हमले के बाद पाकिस्तान की सेना ने आरोप लगाया है कि भारतीय वायुसेना ने मुजफराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया है।सेना की मीडिया शाखा अंतर-सेवा जन संपर्क (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया है, ‘‘भारतीय वायुसेना के विमान मुजफराबाद सेक्टर से घुसे। पाकिस्तानी वायुसेना की ओर से समय पर और प्रभावी जवाब मिलने के बाद वह जल्दबाजी में अपने बम गिरा कर बालाकोट के करीब से बाहर निकल गए।
उन्होंने लिखा है, ‘‘भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है। पाकिस्तानी वायुसेना ने तुरंत जवाब दिया। भारतीय विमान लौट गए।’’ घंटों बाद आईएसपीआर ने कहा कि मुजफराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा के भीतर भारतीय विमान पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में सिर्फ तीन-चार मील ही अंदर घुसे थे। आईएसपीआर का कहना है, ‘‘जल्दबाजी में वापस लौटते हुए विमानों ने बम गिराए जो खाली मैदानों में गिरे।किसी अवसंरचना को नुकसान नहीं पहुंचा है। कोई हताहत नहीं हुआ है। तकनीकी जानकारी और अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं जल्दी ही मिलेंगी।’’
पाकिस्तान सेना के इस बयान में बालाकोट का जिक्र आने के बाद पाकिस्तान की संसद में बवाल मच गया। दरअसल पाकिस्तान में बालाकोट नाम से दो जगहें हैं। एक जगह एलओसी के नजदीक है और दूसरा करीब 80 किलोमीटर दूर है। एलओसी से सटा बालाकोट गुलाम कश्मीर में आता है और तकनीकी रूप से यह पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। दूसरा बालाकोट पाकिस्तान की सरजमीं पर है। इस भ्रम के बाद पाकिस्तानी पत्रकारों ने सेना से सवाल पूछना शुरू कर दिया कि किस बालाकोट पर भारत ने हमला किया है। यह सवाल पाकिस्तानी संसद में भी गूंजा। गौरतलब है कि यह आरोप जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद दोनों देशों में बढ़े तनाव के बीच लगाया गया है। पुलवामा हमले में सुरक्षा बल के 40 जवान शहीद हुए थे।
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