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लंबे जिएंगे स्‍मार्टफोन्‍स! 8 साल तक मिलेंगे अपग्रेड्स, गूगल-क्‍वॉलकॉम की साझेदारी


गूगल और क्‍वॉलकॉम ने एक साझेदारी की घोषणा की है जिससे स्नैपड्रैगन 8 प्रोसेसर वाले फोन्स को 8 साल तक एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर और सिक्योरिटी अपडेट्स मिलेंगे। यह लंबे समय तक फोन को साइबर हमलों से बचाएगा और इस्‍तेमाल में बने रहने में मदद करेगा।
टेक दिग्‍गज गूगल और चिप मेकर क्‍वॉलकॉम ने नई पार्टनरशिप का ऐलान किया है। इसका सीधा फायदा स्‍मार्टफोन यूजर्स को होगा। उनकी डिवाइस को 8 साल तक एंड्रॉयड सॉफ्टवेयर और सिक्‍योरिटी अपडेट्स दिए जाएंगे। आसान भाषा में कहें तो आपका फोन अब लंबा जिएगा। लंबे वक्‍त तक अपडेट्स मिलने से लोगों को डिवाइस जल्‍द बदलने की जरूरत नहीं होगी। गूगल-क्‍वॉलकॉम के ऐलान का पहले फायदा उन स्‍मार्टफोन यूजर्स को होगा, जिनकी डिवाइस स्नैपड्रैगन 8 एलीट प्रोसेसर से पैक्‍ड है और एंड्रॉयड 15 ऑपरेटिंग सिस्‍टम पर रन करती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल लॉन्‍च होने वाले नए स्नैपड्रैगन 8 और 7 सीरीज के प्रोसेसर भी इस सुविधा के साथ आएंगे।
पहली बार इतना लंबा सॉफ्टवेयर सपोर्ट – स्‍मार्टफोन्‍स की आज तक की हिस्‍ट्री में इतने लंबे समय तक सॉफ्टवेयर सपोर्ट नहीं दिया गया है। खासकर उन स्‍मार्टफोन्‍स में, जो क्‍वॉलकॉम प्रोसेसर से पावर्ड हैं। इससे फोन को साइबर हमलों से बचाने में भी मदद मिलेगी।
प्रोजेक्ट ट्रेबल करेगा यह काम – स्‍मार्टफोन्‍स को 8 साल तक अपडेट देना मुमकिन होगा प्रोजेक्ट ट्रेबल के जरिए। इसमें ओईएम कोड में ज्‍यादा बदलाव किए बिना अपडेट दिया जाता है। इससे उन कंपनियों का खर्च कम होता है, जो स्‍मार्टफोन्‍स बनाती हैं।
सिक्‍योरिटी पैच भी मिलते रहेंगे – स्‍मार्टफोन्‍स यूजर्स को सिक्‍योरिटी अपडेट के साथ सिक्‍योरिटी पैच भी दिए जाते हैं। अब 8 साल तक सिक्‍योरिटी पैच भी मिलेंगे, जिससे उनका फोन अप टु डेट रहेगा और फोन की सिक्‍योरिटी और कंपेटिबिलिटी सुनिश्चित होगी। कंपेटिबिलिटी से यहां मतलब है कि फोन किसी ऐप या फाइल को सपोर्ट करता है या नहीं।
महंगे स्‍मार्टफोन्‍स से शुरुआत – स्नैपड्रैगन 8 एलीट प्रोसेसर से पैक्‍ड स्‍मार्टफोन्‍स को सबसे पहले यह सपोर्ट मिलेगा। इस प्रोसेसर वाले लगभग सभी स्‍मार्टफोन्‍स प्रीमियम कैटिगरी में आते हैं। उदाहरण के लिए सैमसंग की एस25 सीरीज या वीवो की एक्‍स200 सीरीज। हालांकि यहां एक बात नोटिस करने वाली है कि यूजर को अपडेट देना है या नहीं, यह निर्भर करेगा कंपनी पर।
ई-वेस्‍ट कम करने में मिलेगी मदद – अगर स्‍मार्टफोन्‍स लंबे समय तक चल पाए तो इससे ई-वेस्‍ट को कम करने में मदद मिलेगी। फोन कंपनियों को भी फयदा होगा क्‍योंकि उन्‍हें डिजाइन के स्‍तर पर ज्‍यादा न‍िवेश नहीं करना होगा। हालांकि यह तो वक्‍त के साथ पता चलेगा कि मोबाइल इंडस्‍ट्री इसे किस तरह से देखती है।
मिड रेंज स्‍मार्टफोन्‍स का क्‍या – अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं है कि मिड रेंज स्‍मार्टफोन्‍स में यह सपोर्ट मिलेगा या नहीं। भारत जैसे मार्केट में एंट्री लेवल और मिड रेंज स्‍मार्टफोन्‍स की सेल ज्‍यादा है। इन स्‍मार्टफोन्‍स में क्‍वॉलकॉम के दूसरे प्रोसेसर इस्‍तेमाल हो रहे हैं। बड़ी संख्‍या में मीडियाटेक के प्रोसेसर भी मिड-रेंज स्‍मार्टफोन्‍स में यूज किए जा रहे हैं।