
यूरोप में इटली के बाद स्पेन में कोरोना वायरस के कारण इन्फेक्शन के सबसे ज्यादा केस हो चुके हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने लॉकडाउन और ज्यादा कड़ा कर दिया है।
यूरोप में इटली के बाद कोरोना वायरस की त्रासदी सबसे ज्यादा झेल रहे स्पेन को लॉकडाउन और भी कड़ा करना पड़ा है। यहां इस जानलेवा वायरस से इन्फेक्ट होने वालों की संख्या चीन से भी आगे निकल गई। ऐसे में सरकार को सोशल डिस्टेंसिंग के कड़े नियम लागू करने पड़ गए। हालांकि, इसके चलते बिजनस पर नकारात्मक असर पड़ा है। सरकार को इकॉनमी को नुकसान पहुंचाने का आरोप झेलना पड़ रहा है लेकिन कुल इन्फेक्शन के मामले में अमेरिका और इटली के पीछे खड़े स्पेन के सामने बड़ी चुनौती खड़ी है।
पहले से कम हुए नए इन्फेक्शन
चीन की आबादी की तुलना में बेहद कम जनसंख्या वाले इटली में 87,956 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं जबकि चीन में 81,518 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इन्फेक्शन के मामले में स्पेन में एक दिन में 8% बढ़ोतरी हुई है लेकिन पहले के दिनों से यह कम रही जब यह 20% तक पहुंची थी। वहीं, अमेरिका में इन्फेक्शन सबसे ज्यादा 1,64,248 कोरोना पॉजिटिव हैं। दूसरे नंबर पर इटली है जहां इन्फेक्टेड लोगों की संख्या एक लाख पार कर 1,01,739 पहुंच गई है।
हेल्थ केयर वर्कर्स चपेट में
स्पेन में एक दिन में 812 लोगों की मौत हो गई जिससे कोरोना के कारण मरने वालों की कुल संख्या 7,340 पहुंच गई। सबसे ज्यादा मौतें 11,591 इटली में हो चुकी हैं जबकि चीन में कोरोना ने 3,305 लोगों की जान ले ली है। हालांकि, अमेरिका में हालात काफी खराब हैं और यहां 3,164 लोगों की मौत हो चुकी है। स्पेन में इन्फेक्शन का शिकार हुए 15% लोग (करीब 13,000) हेल्थ केयर वर्कर्स हैं।
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