
धरती पर महामारी के हाहाकार के बीच आसमान में देखें तो आंखों को कुछ पल की राहत मिल भी सकती है। दरअसल, इन दिनों चांद धरती के सबसे करीब है और ‘सुपरमून’ का यह नजारा दुनियाभर में देखा जा रहा है। इस दौरान चांद धरती के इर्द-गिर्द अपनी कक्षा में सबसे करीब होता है और इसलिए आम फुल मून से ज्यादा बड़ा होता है। धरती से देखने पर लगता है मानो करीब ही उतर आया हो।
बस एक छलांग दूर… : साल 1930 में मेन फार्मर अलमेनक ने अमेरिकन इंडियन मून नेम छापने शुरू किए। इसके मुताबिक अप्रैल का फुल मून पिंक मून कहलाता है। इसे एक पौधे के नाम पर ऐसा कहा जाता है जो अमेरिका में पाया जाता है।
एक नहीं, कई नाम : पिंक मून के अलावा इसे स्प्राउटिंग ग्रास मून, एग मून, फिश मून जैसे कई नाम किए गए हैं। हिंदुओं में इसे हनुमान जयंती के तौर पर मनाया जाता है। बौद्ध धर्म यह बाक पोया होता है जब बुद्ध श्रीलंका पहुंचे थे और युद्ध को टाला था।
इस साल दो सुपरमून : सुपरमून नाम 1979 में रिचर्ड नोल ने दिया था। इस साल दो सुपरमून होने वाले हैं। दूसरा सुपरमून अगले महीने 26 मई को होगा। यह अप्रैल से ज्यादा करीब होगा।
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