लिवर में सूजन आने की वजह से व्यक्ति का लिवर अपने सामान्य आकार से बड़ा हो जाता है, जिसे मेडिकल टर्म में हेपाटोमेगली भी कहते हैं। तब ये परेशानी का कारण बन सकता है। क्योंकि शरीर में लिवर एक ऐसा अंग है, जो आपके शरीर में बनने वाले हानिकारक केमिकल्स से छुटकारा दिलवाकर शरीर में ब्लड को साफ करने का काम करता है।
ब्लड क्लॉटिंग होने से रोकने के साथ शरीर को इंफेक्शन से बचाता है। साथ ही भोजन से फैट को तोड़ने में आपकी मदद करता है। यही नहीं ग्लूकोज की फॉर्म में शर्करा को स्टोर करने की वजह से जरूरत पड़ने पर शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान भी करता है। जान लें लिवर एकमात्र ऐसा आतंरिक अंग है, जो सर्जरी के बाद वापिस बढ़ सकता है। जिसके कारण ही लाइव लिवर दान संभव है। लेकिन जरा सोचिए अगर आपका लिवर ही बीमार हो जाए तो क्या होगा।
क्या है हेपाटोमेगली और इसके कारण – हेपाटोमेगली, जिसमें लिवर जब अपने आकार से बढ़ जाता है। यह स्थिति विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकती है, जैसे मोटापा, फैटी लिवर, लिवर में संक्रमण होना। यही नहीं बल्कि कुछ कैंसर, जैसे लिवर कैंसर या ल्यूकेमिया कैंसर, जो शरीर के अन्य भागों से लिवर में फैल जाते हैं, हेपाटोमेगली का कारण बन सकते हैं।
कोई आनुवांशिक बीमारी या फिर ह्रदय और रक्त वाहिकाओं में असमानताएं, जो लिवर में जमाव का कारण बन सकती हैं। यही नहीं बल्कि शराब का जरूरत से ज्यादा सेवन, कुछ दवाएं, औद्योगिक रसायन या फिर पर्यावरण में विषैले तत्वों के संपर्क में आने की वजह से भी लिवर को नुकसान पहुंच सकता है।
जब दिखे ये लक्षण तो हो जाएं अलर्ट – आमतौर पर जब लिवर सूज कर बड़ा होता है, तो इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन जब स्थिति गंभीर होती है, तब इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। जिसमें चक्कर व उल्टी आना, त्वचा व आंखों का पीलापन, पेट में दर्द, पैरों में सूजन, वजन का तेजी से कम होना, पेट का फूलना इत्यादि लक्षण शामिल हैं। ये लक्षण दिखने पर नजरअंदाज न करें बल्कि तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। ताकि समय रहते स्थिति को संभाला जा सके।
कौन से टेस्ट हैं जरूरी – आपको हेपाटोमेगली क्यों है, इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर विभिन्न टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। जिसमें कम्पलीट ब्लड टेस्ट, जिसके माध्यम से ब्लड सेल्स की असामान्य संख्याओं के बारे में पता लगाया जा सकता है। पेट के अंगों को अच्छे से देखने के लिए सीटी स्कैन, एमआरआई करवाने की भी सलाह दी जाती है।
क्या है उपचार – लिवर के खराब होने की स्थिति में कुछ खास तरह की दवाओं के साथ लिवर ट्रांसप्लांट किया जाता है। लिवर कैंसर होने की स्थिति में कीमोथेरेपी, सर्जरी की मदद से रोगी को ठीक करने की कोशिश होती है, जिससे वह पहले की तरह सामान्य जिंदगी जी सके।
साथ ही लिवर में सूजन को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे शराब का सेवन नहीं करना, हेल्दी डाइट के साथ रेगुलर एक्सरसाइज , जो वजन कम करने के साथ लिवर में सूजन की समस्या को कम करने में मददगार साबित होती है की सलाह दी जाती है।
Home / Lifestyle / बिना चले पैरों में सूजन Liver के बढ़ने का मेजर संकेत, आफत आने से पहले तुरंत कराएं ये टेस्ट