
US President Donald Trump ने कहा है कि अमेरिका भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी सीमा विवाद को लेकर मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि पिछले कई दिनों से भारत और चीन के बीच लद्दाख में तनाव है और चीन ने वहां अपनी सेनाएं तक तैनात कर दी हैं।
भारत और चीन के बीच लद्दाख में जारी तनाव के बीच अब अमेरिका आगे आया है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने भारत और चीन दोनों से कहा है कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि भारत से लगती सीमा पर सैन्य झड़पों के बाद चीन ने अपने सैनिकों को बड़ी संख्या में सीमा के पास तैनात कर दिया है। ताजा तनाव तब शुरू हुआ है जब चीन ने भारतीय सीमा में चल रहे निर्माण कार्य पर आपत्ति जताई।
भारत को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी| भारत को अमेरिका की मध्यस्थता कभुई स्वीकार नहीं करनी चाहिये| अमेरिका का अपना स्वार्थ है|
ट्रंप ने कहा, हम तैयार भी हैं और योग्य भी
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर यह ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट किया- ‘हमने भारत और चीन को बताया है कि अमेरिका दोनों के बीच उबलते सीमा विवाद में मध्यस्थता करने या फैसला करने के लिए तैयार है, इच्छुक है और योग्य भी है।’ दरअसल, लद्दाख में सालभर पहले एक सड़क बनकर पूरी हुई है। यह काम बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण हालात में संपन्न हुआ जिसके बाद से चीन झल्लाया हुआ है।
सेना तैनात कर चीन बोला, स्थिति स्थिर
इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत के साथ सीमा पर हालात पूरी तरह स्थिर और नियंत्रण-योग्य हैं। दोनों देशों के पास बातचीत और विचार-विमर्श करके मुद्दों को हल करने के लिए उचित तंत्र और संचार माध्यम भी उपलब्ध हैं। हालांकि, इससे पहले अमेरिका और भारत समेत कई देशों से तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के निर्देश दिए थे जिससे लद्दाख में उसके सेना तैनात करने को आक्रामक कदम के तौर पर देखा जा रहा था।
अमेरिका और ताइवान को लेकर सतर्क
शी ने सेना को आदेश दिया था कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। हालांकि, इस दौरान चीन ने भारत को लेकर कोई संकेत नहीं दिए थे। राष्ट्रपति ने अपने भाषण में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव का जिक्र किया था। इसके अलावा उन्होंने ताइवान के नेताओं के साथ बातचीत और डिप्लोमेसी को बढ़ाने की भी बात की थी।
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