
India China Military Commanders’ meet : लद्दाख में करीब एक महीने से जारी तनाव पर आज भारत-चीन के बीच कमांडर लेवल की बातचीत हो रही है। भारतीय सेना की तरफ से ले. जनरल हरिंदर सिंह और चीन की ओर से मेजर जनरल लियु लिन इस मीटिंग में हिस्सा ले रहे हैं।
बॉर्डर पर तनाव: कमांडर्स मीटिंग में चीन के तर्कों को ढेर करेगा भारत का ये अधिकारीलाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर जारी तनातनी खत्म करने को लेकर भारत और चीन के बीच आज हाई लेवल मीटिंग हो रही है। कमांडर लेवल की इस मीटिंग में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध दूर करने का रास्ता निकल सकता है। यह मीटिंग LAC के पास चुशूल मोल्डो में चल रही है। अबतक दोनों देश लोकल, डेलिगेशन और कमांडर लेवल पर करीब 12 राउंड बातचीत कर चुके मगर नतीजा नहीं निकला। इस मीटिंग में गलवान एरिया, पैंगोग त्सो और गोगरा एरिया पर बात हो सकती है। आइए जानते हैं उन दो अधिकारियों के बारे में जो अपने-अपने देश का इस बैठक में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह
ले. जनरल हरिंदर सिंह काउंटर इनसर्जेंसी में माहिर माने जाते हैं। वह लेह की 14 कॉर्प्स के कमांडर हैं जिसे ‘फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स’ भी कहा जाता है। ले. जनरल सिंह की यूनिट सबसे खतरनाक टेरेन, मौसम और ऊंचाई पर ऑपरेट करती है। पिछले साल अक्टूबर में 14 कॉर्प्स की कमान संभालन से पहले, ले. जनरल हरिंदर सिंह कई अहम पदों पर रहे हैं। वह मिलिट्री इंटेलिजेंस, मिलिट्री ऑपरेशंस, ऑपरेशनल लॉजिस्टिक्स और स्ट्रैटजिक मूवमेंट के डायरेक्टर जनरल रह चुके हैं।
लिख चुके हैं किताब, छपनी बाकी
सिंह को पढ़ाई-लिखाई में दिलचस्पी है। वह इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज एंड एनालाइजेज में सीनियर रिसर्च फेलो हैं। इसके अलावा सिंगापुर के एक कॉलेज में भी लेक्चर देते हैं। उन्होंने कई निबंध और रिसर्च पेपर लिखे हैं। उनकी किताब ‘Establishing India’s Military Readiness Concerns and Strategy’ छपने को तैयार है।
चीन को लेकर कैसे हैं ले. जनरल के विचार
साल 2010 में ले. जनरल सिंह ने एक पेपर में लिखा था, “भले ही रणनीतिक स्तर पर स्थिरता बनी हुई है, चीन लगातार राजनीति, कूटनीतिक और सैन्य मुखरता का प्रदर्शन करता रहता है… हाल के सालों में तिब्बत ऑटोनॉमस रीजन के भीतर चीन का रेलवे और सड़क इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना भारत की चिंताओं को बढ़ाता है। चीन से रक्षा करने के लिए भारतीय सुरक्षा बलों को पर्याप्त तैयार रहना होगा।”
चीन की तरफ से होगा ये अधिकारी
आर्मी कमांडर्स की मीटिंग में चीन की ओर से दक्षिण शिनजियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के ग्रुप मेजर जनरल लियु लिन मौजूद रहेंगे। वह साल 2015 से ही इस इलाके में तैनात हैं। उन्हें भी 2019 में कमांडर बनाया गया था।
नरमी दिखाने के मूड में नहीं भारत
सूत्रों की मानें तो मीटिंग में भारत अपने तेवर तल्ख ही रखेगा। कम से कम चार ऐसे बिंदु हैं जिनपर भारत के रुख में सख्ती दिखेगी। भारत चाहता है कि चीन के सैनिक भारतीय इलाके से हट जाएं। LAC पर फारवर्ड पोस्ट्स पर तैनात चीनी सैनिकों को वापस भेजा जाए। गलवान में भारत का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने का काम जारी रहे। भारत यह आश्वासन भी चाहता है कि सीमा पर अब और हिंसक झड़पें नहीं होंगी। पिछले महीने हुई झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। उसके बाद से ही तनाव है।
अबतक कई राउंड बात, नतीजा नहीं
मई के पहले हफ्ते में भारत और चीन के सैनिकों के बीच विवाद शुरू हुआ था। तब से अबतक 12 से ज्यादा बार बात हो चुकी है, मगर कोई हल नहीं निकल सका है। आज की मीटिंग में भी कोई अंतिम फैसला होने की उम्मीद कम ही है।
कई और बैठकों की जरूरत होगी?
पहले इस तरह की स्थितियों का सामना कर चुके आर्मी कमांडर्स के मुताबिक, आज की बैठक से तुरंत कोई नतीजा निकलना मुश्किल है। उसके लिए हाई लेवल पर और कई राउंड बैठकों की जरूरत होगी। भारत के पास विकल्प है कि वह चीन पर दबाव बढ़ा दे।
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