Wednesday , December 24 2025 6:20 AM
Home / News / चीन के साथ टेंशन, ताइवान ने अमेरिका के साथ की महाडील, 90 F-16 फाइटर जेट खरीदेगा

चीन के साथ टेंशन, ताइवान ने अमेरिका के साथ की महाडील, 90 F-16 फाइटर जेट खरीदेगा


ताइवान ने सोमवार को अमेरिका की हथियार निर्माता कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ 62 अरब डॉलर के F-16 फाइटर जेट खरीदने का सौदा किया है। यह सौदा करीब 10 साल में पूरा होगा। माना जा रहा है कि इस सौदे के बाद ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच तनाव काफी बढ़ सकता है। इस सौदे की संवेदनशीलता को देखते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने इस सौदे का तो ऐलान किया लेकिन खरीददार का नाम नहीं बताया है।
उधर, इस सौदे से जुड़े लोगों ने पुष्टि की है कि 62 अरब डॉलर की भारीभरकम डील ताइवान के साथ की गई है। ताइवान को चीन अपनी जमीन का हिस्‍सा मानता है। ताइवान ने पिछले साल वॉशिंगटन से 66 नई पीढ़ी के F-16 फाइटर जेट खरीदने की डील की थी। इस डील के बाद ताइवान की वायुसेना काफी आधुनिक हो जाएगी। ताइवान के पास पहले से ही F-16 फाइटर जेट हैं जो उसने 1992 में खरीदे थे।

दक्षिण चीन सागर: चीन ने भेजे फाइटर जेट, ताइवान ने मिसाइलों से खदेड़ा
चीन ने यह कार्रवाई ऐसे समय पर की है जब अमेरिका के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री एलेक्स एजार के ताइपे की यात्रा पर हैं। चीन ने इस दौरे को लेकर राजनयिक माध्यम से सख्त विरोध दर्ज कराया है। यही नहीं विरोध स्‍वरूप चीनी लड़ाकू विमानों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की। इस स्व शासित द्वीप (ताईवान) पर करीब चार दशक में किसी उच्च पदस्थ अमेरिकी पदाधिकारी का यह प्रथम दौरा है। एजार ने ताईवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात के साथ अपना तीन दिवसीय दौरा शुरू किया। अमेरिका के 1979 में राजनयिक मान्यता ताइपै से हटा कर पेइचिंग कर दिये जाने के बाद से ताइवान की यात्रा करने वाले एजार सर्वोच्च रैंक के कैबिनेट सदस्य हैं।
चीन ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा मानता है और ताइवानी नेताओं से किसी उच्च स्तरीय विदेशी प्रतिनिधि की मुलाकात का मुखर विरोध करता रहा है। एजार का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब अमेरिका और चीन के बीच संबंध अपने सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। उनके दौरे को पे‍इचिंग के लिए एक बड़ा कूटनीतिक झटका माना जा रहा है, जो यह कहता रहा है कि ‘एक चीन नीति’ उन सभी देशों के साथ उसकी विदेश नीति का मूल तत्व है, जो उसके साथ राजनयिक संबंध रखते हैं। चीन से ताइवान की आजादी की दृढ़ समर्थक ताइवानी राष्‍ट्रपति त्‍साई इंग वेन ने कहा है कि एजार का ऐतिहासिक दौरा ताईवान-अमेरिका संबंधों के लिये एक ‘नयी शुरूआत’ है और उन्हें उम्मीद है कि वाशिंगटन और ताइपे के बीच सहयोग में और कामयाबी मिलेगी।

उधर, चीन ने उम्मीद के मुताबिक तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह दौरा ‘एक चीन नीति’ के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धता का विश्वासघात है। एजार का दौरा 2018 के ताइवान यात्रा अधिनियम से प्रशस्त हुआ है जो वॉशिंगटन को दशकों बाद अपना उच्चतर स्तर का अधिकारी भेजने के लिये प्रोत्साहित करता है। ताइवान न्यूज की खबर के मुताबिक त्साई-एजार की बैठक से पहले चीनी लड़ाकू विमानों ने सोमवार को ताइवान जलडमरूमध्य के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की। ताईवान वायुसेना कमान मुख्यालय ने कहा कि चीनी वायुसेना के शेनयांग जे-11 और चेंगदु जे-10 लड़ाकू विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य में सुबह नौ बजे संक्षिप्त अवधि के लिये ‘मेडियन लाइन’ (दोनों पक्षों के बीच अनाधिकारिक हवाई क्षेत्र सीमा) को पार किया।

मुख्यालय ने कहा कि चीनी लड़ाकू विमानों के मौखिक चेतावनी को नजरअंदाज करने के बाद ताइवानी लड़ाकू विमानों ने शीघ्र ही उन्हें रोका और उन्‍हें ताइवान के हवाई क्षेत्र से बाहर निकाला। पेइचिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि ‘अमेरिका और ताईवान के बीच आधिकारिक संबंध का चीन सख्त विरोध करता है। ’ उन्होंने कहा, ‘हमने अमेरिका के समक्ष सख्त विरोध दर्ज कराया है। मैं एक बार फिर इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि ताइवान का प्रश्न चीन, अमेरिका संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है। ’ प्रवक्ता ने कहा, ‘एक चीन का सिद्धांत चीन-अमेरिका संबंधों का आधार है। अमेरिका ने जो किया, वह ताईवान से जुड़े मुद्दों पर उसकी प्रतिबद्धता का गंभीर उल्लंघन है। ’

अत्‍याधुनिक तकनीकों और हथियारों से लैस होंगे जेट
नए सौदे के तहत ताइवान शुरू में 90 फाइटर जेट खरीदेगा जो अत्‍याधुनिक तकनीकों और हथियारों से लैस होंगे। अमेरिका और ताइवान के बीच यह सौदा ऐसे समय हुआ है जब चीन और अमेरिका के बीच तनाव काफी बढ़ता जा रहा है। चीन ने कहा है कि ताइवान उसका हिस्‍सा है और अगर ताइवान ने खुद को औपचारिक रूप से स्‍वतंत्र देश के रूप में घोषित किया तो वह सैन्‍य कार्रवाई करेगा।

अमेरिका ने भले ही वर्ष 1979 में चीन को मान्‍यता दी हो, फिर भी वह ताइवान का सबसे शक्तिशाली सहयोगी और हथियारों का सप्‍लायर है। यह सौदा ऐसे समय पर हुआ है जब हॉन्‍ग कॉन्‍ग के लिए चीन ने जबरन सुरक्षा कानून पारित किया है। इस कानून के बाद ताइवान की टेंशन और ज्‍यादा बढ़ गई है। उसे यह डर सता रहा है कि अगला नंबर उसका हो सकता है। इस सौदे से ठीक पहले अमेरिका के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ताइवान की यात्रा पर गए थे। वर्ष 1979 के बाद पहली बार इतने शीर्ष स्‍तर का नेता ताइवान पहुंचा था।