Monday , June 30 2025 10:38 AM
Home / News / हमास के शासन का अंत नजदीक, अब गाजा के लोगों ने ही शुरू कर दी बगावत, विरोध में पहली बार सड़कों पर उतरे

हमास के शासन का अंत नजदीक, अब गाजा के लोगों ने ही शुरू कर दी बगावत, विरोध में पहली बार सड़कों पर उतरे


गाजा में हमास के खिलाफ एक असाधारण प्रदर्शन देखने को मिला है। गाजा के सैकड़ों नागरिकों ने उत्तरी शहर बेत लाहिया में सफेद झंडे लेकर मार्च किया। इस दौरान हमास के शासन को खत्म करने की मांग की गई। यहां तक कि इजरायली बंधकों को सौंपने का भी आह्वान किया गया।
गाजा में अपना आतंकी राज कायम करने वाले फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास के खिलाफ अब वहीं के लोगों को गुस्सा फूटने लगा है। हमास से त्रस्त गाजा के लोग अब समूह के खिलाफ बगावत के मूड में आ गए हैं। एक असाधारण घटना में गाजा के सैकड़ों नागरिकों ने उत्तरी शहर बेत लाहिया में हमास के खिलाफ सफेद झंडे लेकर मार्च किया। इस दौरान हमास के शासन को खत्म करने की मांग की गई। यहां तक कि इजरायली बंधकों को सौंपने का भी आह्वान किया गया।
उत्तरी गाजा में हुआ प्रदर्शन – गाजा में अक्टूबर 2023 में इजरायल के सैन्य अभियान के बाद पहली बार इस तरह का प्रदर्शन हुआ है। इजरायली मीडिया आउटलेट यरुशलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, हमास के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन गाजा पट्टी के उत्तरी भाग में इंडोनेशियाई अस्पताल के सामने हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कतर की सरकार से फंडेड एक न्यूज चैनल को भी निशाने पर लिया।
एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘लोग मीडिया से इन घटनाओं को कवर करने की मांग कर रहे हैं। लोग आजादी की मांग कर रहे हैं, वे गाजा के खिलाफ दुश्मनी को रोकने की मांग कर रहे हैं। वे शांति और इस युद्ध को समाप्त करने की मांग रहे हैं।’ एक शख्स ने आरोप लगाया कि प्रेस घटना को कवर न करने के लिए अस्पताल में घुस गया।
‘हमास बाहर निकलो’ के लगे नारे – इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने, ‘बाहर निकलो, बाहर निकलो! हमास बाहर निकलो’ और ‘हम जीना चाहते हैं’, के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ में बैनर पकड़े थे, जिस पर- ‘हम मुर्दा नहीं बनना चाहते’ और ‘युद्ध बंद करो’ जैसे नारे शामिल थे। एक अन्य वीडियो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी बेत लाहिया की सड़कों पर चलते हुए दिखाया गया। इस दौरान कैमरामैन को कहते हुए सुना जा सकता है- ‘बड़ी भीड़ अब हमास के शासन के खिलाफ विरोध कर रही है। गाजा में स्थिति भयावह है। यहां के लोग कैदियों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं, ताकि हम जीवित रह सकें।’