Tuesday , March 28 2023 9:29 AM
Home / Spirituality / घर-परिवार को मृत्यु के भय से बचाने के लिए पढ़ें, धनतेरस कथा

घर-परिवार को मृत्यु के भय से बचाने के लिए पढ़ें, धनतेरस कथा

7
बात प्राचीनकाल की है। एक बार यमराज ने अपने दूतों से पूछा कि क्या प्राणियों के प्राण लाते हुए तुम्हें कभी दुख हुआ? तुम्हारे मन में दया भाव उत्पन्न हुआ और यह विचार आया कि हमें यह प्राण नहीं ले जाने चाहिएं।

प्रश्र गंभीर था। एक दूत खड़ा हुआ और बोला, ‘‘स्वामी एक बार ऐसा हुआ था कि हमें एक राजकुमार के प्राण उसके विवाह के चौथे दिन ही लाने पड़े तो हम दुखी एवं विचलित हुए।’’

‘‘विस्तार से कहो।’’ यमराज ने कहा।

इस पर दूत ने घटना विस्तार से कह सुनाई,‘‘एक बार हंस नाम का राजा शिकार खेलते-खेलते पड़ोसी राज्य की सीमा में पहुंच गया। भूखा-प्यासा राजा हंस, उस पड़ोसी राजा हेमराज के यहां पहुंचा। हेमराज ने उसका बहुत स्वागत किया। उसी दिन हेमराज के यहां पुत्र जन्म हुआ।’’

‘‘राजा हेमराज ने हंस के आगमन को शुभ मान कर उससे कुछ दिन वहीं पर रहने का आग्रह किया। नवजात राजकुमार के छठी संस्कार के दिन एक विद्वान ज्योतिषी ने भविष्यवाणी की कि जब राजकुमार की शादी होगी, तब शादी के चौथे दिन इसकी मृत्यु हो जाएगी।’’

‘‘सभी लोगों में दुख की लहर दौड़ गई। राजा हंस ने हेमराज को ढांढस बंधाया और राजकुमार की रक्षा का वचन दिया। उसने राजकुमार के रहने की व्यवस्था यमुना तट पर की।’’

‘‘जब राजकुमार जवान हुआ तो उसका विवाह एक सुंदर राजकुमारी से कर दिया गया। विवाह के चौथे दिन यमदूतों को राजकुमार के प्राण हरने पड़े।’’

यमदूत ने यह कथा सुनाते हुए आगे कहा, ‘‘स्वामी उस समय हेमराज राजा के यहां जो कारुणिक माहौल बना, उसे देख हमारी आंखों से आंसू निकल पड़े किन्तु हम विवश थे।’’

यमराज बोले, ‘‘यह कार्य विधि का विधान मान-हमें करना पड़ता है किंतु हमारा मन भी विचलित होता है।’’

तब दूत ने कहा, ‘‘स्वामी, क्या कोई ऐसा उपाय है कि मानव की अकाल मृत्यु न हो।’’

इस पर यमराज ने बताया कि ‘‘धनतेरस के दिन यमुना में स्नान करके, यमराज और धनवंतरि का पूजन दर्शन विधि अनुसार करना चाहिए। यमराज के निमित्त संध्या समय दीपदान करना चाहिए। यथा शक्ति संभव हो तो व्रत भी करें। जिस घर में यह पूजन होगा, उस घर में कोई भी अकाल मृत्यु नहीं होगी।’’

About indianz xpress

Pin It on Pinterest

Share This