
पूर्व स्टार ट्रैक अभिनेता 90 वर्षीय विलियम शैटनर 13 अक्टूबर 2021 को अंतरिक्ष में मुश्किल से चार मिनट बिताने के बाद जब ब्लू ओरिजिन रॉकेट से बाहर निकले तो भावविभोर होकर उन्होंने सबसे पहले कहा, ‘दुनिया में हर किसी को यह करना चाहिए। दुनिया में हर किसी को यह देखना चाहिए।’ उन्होंने कहा, ‘यह हवा जो हमें जीवित रख रही है, यह आपकी त्वचा से भी पतली है। हम सोचते हैं, ‘ओह, यह नीला आकाश है’, और फिर अचानक आप इस सब से बाहर निकल जाते हैं, जैसे कि आप एक चादर को उतार फेंकते हैं, जब आप सो रहे हैं। आप कालेपन में देख रहे हैं, यह बहुत पतला है और आप एक पल में इससे निकल जाते हैं।’
जैसा कि शैटनर जैसे अंतरिक्ष यात्रियों ने देखा है, हमारे ग्रह का वातावरण पृथ्वी के सापेक्ष एक सेब की त्वचा जितना पतला लगता है। यद्यपि हमारे दृष्टिकोण से यह असीम प्रतीत हो सकता है, हम उत्सर्जन के साथ इसकी संरचना को उतनी ही आसानी से बदल सकते हैं जितना कि हम विशाल झीलों और महासागरों को प्रदूषित कर सकते हैं। फिर भी शैटनर की यात्रा को कवर करने वाली कई समाचार रिपोर्टों में पृथ्वी के वायुमंडल की नाजुकता पर उनकी टिप्पणियों को नजरअंदाज किया गया।
ब्लू ओरिजिन का स्पेस मिशन आलोचना का शिकार : ऐसी टिप्पणियां ग्लासगो में होने वाले संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन सीओपी26 में आने वाले प्रतिनिधियों को प्रभावित कर सकती हैं। शैटनर की यात्रा को जेफ बेजोस की स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन ने संभव किया। कंपनी की स्थापना वर्ष 2000 में की गई थी और उसका यह कदम काफी आलोचना का विषय रहा है। ई-कॉमर्स दिग्गज अमेजॉन के अरबपति संस्थापक बेजोस ने दुनिया भर में स्थानीय क्षेत्रों के सांस्कृतिक और वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे को खोखला करके अपनी खगोलीय सफलता हासिल की।
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