
फिल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे सितारे हुए हैं जिन्हें अपने रियल चेहरे से अधिक किरदार की वजह से लोगों का प्यार मिला है। ऐसे ही एक एक्टर हैं हॉलीवुड के वो कलाकार हैं जिन्हें उस किरदार से पहचान मिली जो नकाब के पीछे छिपा हुआ हर भाव सिर्फ शरीर की हलचल, चाल से दिखाया और उनकी आवाज उनके पास नहीं थी।
फिल्म इंडस्ट्री के इतिहास में कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जिनका चेहरा दुनिया कम पहचानती है, लेकिन उनका काम दर्शकों की यादों में गहराई से जुड़ा रहता है। ऐसे ही एक एक्टर रहे हैं हॉलीवुड के डेविड प्राउज हैं, एक ऐसे ब्रिटिश एक्टर जिन्होंने कई फिल्मों में काम किया लेकिन एक किरदार ने उन्हें शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचा दिया। कहानी में ट्विस्ट ये था कि उनका ये हिट किरदार कभी पर्दे पर नजर ही नहीं आया।
न पर्दे पर उनका चेहरा दिखा और न ही उनकी आवाज सुनी गई, लेकिन उनकी मौजूदगी ने सिनेमा के सबसे आइकॉनिक विलन डार्थ वाडर को जीवंत बना दिया। 1 दिसंबर 2020 को उनका निधन हुआ और उनके साथ फिल्म इतिहास का एक अनोखा अध्याय भी शांत हो गया।
उन्होंने बॉडी बिल्डिंग में नाम कमाया – डेविड प्राउज की कहानी उतनी ही दिलचस्प है जितनी रहस्यमयी। उनका जन्म 1935 में इंग्लैंड में हुआ था और बचपन से ही उनकी ऊंचाई, कद-काठी और शारीरिक शक्ति उन्हें भीड़ से अलग करती थी। उन्होंने बॉडी बिल्डिंग में नाम कमाया और ‘मिस्टर यूनिवर्स’ जैसी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। यही कद-काठी उन्हें आगे फिल्मों तक पहुंचा पाई।
नकाब के पीछे छिपा हुआ हर भाव सिर्फ शरीर की हलचल, चाल से दिखाया – साल 1977 में जब जॉर्ज लुकास स्टार वार्स बना रहे थे, उन्हें एक ऐसे कलाकार की जरूरत थी जो पर्दे पर लंबा, प्रभावशाली और डर पैदा करने वाला लगे…और यही वो पल था जिसने डेविड प्राउज की किस्मत बदल दी। उन्हें डार्थ वाडर का शरीर निभाने के लिए चुना गया। दिलचस्प बात यह है कि आवाज उनके पास नहीं थी। वह काम जेम्स अर्ल जोन्स को दिया गया। चेहरा भी नहीं दिखाया गया, नकाब के पीछे छिपा हुआ हर भाव सिर्फ शरीर की हलचल, चाल, मुद्रा और हथियार पकड़ने के अंदाज से ही प्रकट होना था।
इतिहास के सबसे यादगार विलन – लेकिन दिक्कतों के बावजूद, डेविड प्राउज ने एक ऐसा व्यक्तित्व बनाया जो स्क्रीन पर आते ही दर्शकों को आतंकित कर देता था। उनके चलने के अंदाज में सैनिकों जैसी कठोरता, उनके कंधों की चौड़ाई में ताकत और उनकी तलवार पकड़ने के तरीके में गजब का कंट्रोल झलकता था। वे स्क्रीन पर चेहरा न दिखाते हुए भी इतिहास के सबसे यादगार विलन बन गए।
स्टार वार्स से अलग-थलग महसूस करते रहे – डेविड प्राउज की कहानी को अनोखा बनाने वाला दूसरा पहलू है उनकी भावनात्मक दूरी। कई साल तक वे स्टार वार्स के निर्माण से अलग-थलग महसूस करते रहे। अक्सर कहा जाता है कि कुछ गलतफहमियां हुईं जिनसे वे मुख्य टीम से कट गए। फिर भी फैंस के बीच वे हमेशा एक सम्मानित हस्ती रहे। लाखों लोग उनसे सिर्फ एक हस्ताक्षर या उनकी भारी-भरकम मौजूदगी के लिए मिलते थे। हॉलीवुड के अलावा उन्होंने कई ब्रिटिश और अमेरिकी टीवी सीरीज में एक्टिंग की, लेकिन वाडर ने जो दिया वो उनकी मौत के बाद भी जुड़ा रहा।
बिना एक शब्द बोले, सिर्फ शरीर और चाल से एक ऐसा किरदार गढ़ा — उनकी डेथ के बाद सोशल मीडिया पर ‘आरआईपी, रियल वाडर’ जैसे मेसेज ने यह दिखा दिया कि असली यादें उन किरदारों की भी होती हैं जो न दिखते हुए भी इतिहास बदल देते हैं। डेविड प्राउज ने बिना चेहरे दिखाए, बिना एक शब्द बोले, सिर्फ शरीर और चाल से एक ऐसा किरदार गढ़ा, एक ऐसी पहचान बना दी, जिसे दुनिया कभी नहीं भूल सकती।
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