पाकिस्तान में सरकार बनने के साथ ही नवाज शरीफ के खानदान के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। पाकिस्तान की एंटी करप्शन कोर्ट ने मंगलवार को पूर्व पीएम और पीएमएल-एन के मुखिया नवाज के दो बेटों को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में बरी कर दिया है। इस फैसले के बाद शरीफ खानदान के सामने आने वाली कानूनी मुश्किलें लगभग खत्म हो गई हैं। नवाज शरीफ के बेटों हसन और हुसैन नवाज को पनामा पेपर्स से संबंधित एवेनफील्ड, फ्लैगशिप और अल-अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में आरोपी बनाया था।
2018 में घोषित किया गया था फरार अपराधी- पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2018 में पाकिस्तान के नेशनल अकाउंटिबिलिटी ब्यूरो (एनएबी) ने मामलों की जांच में शामिल होने में विफल रहने के बाद दोनों भाइयों को फरार अपराधी घोषित कर दिया गया था। हालांकि, इस मामले में ट्रायल नहीं शुरू किया जा सका, क्योंकि दोनों भाई विदेश में थे। वहीं, उनके पिता नवाज शरीफ, जो कि मामले में मुख्य आरोपी थे, को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया केस में दोषी ठहराया गया था, लेकिन फ्लैगशिप मामले में बरी कर दिया गया था। पिछले साल लंदन लौटने के बाद नवाज शरीफ ने दोषी ठहराए जाने के फैसले को चुनौती दी थी, जिसके बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था।
6 साल बाद लौटे पाकिस्तान – शरीफ के बरी होने ने उनके बेटों के वापस लौटने का रास्ता किया और बीती 12 मार्च को हसन और हुसैन 6 साल के स्व-निर्वासन के बाद पाकिस्तान पहुंचे। इसके पहले एंटी-करप्शन कोर्ट ने उनके खिलाफ जारी वारंट को 14 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया था। पाकिस्तान पहुंचने के बाद उन्होंने अदालत से उन्हें बरी करने की मांग की क्योंकि मुख्य आरोपी को पहले ही बरी किया जा चुका है।
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