
दुनिया के सबसे शक्तिशाली चुंबक को एक्सपेरिमेंटर फ्यूजन रिएक्टर ITER के कोर में इस्तेमाल करने के लिए फ्रांस भेजा जा रहा है। वैज्ञानिको को उम्मीद है कि आईटीईआर हमारे सूर्य के केंद्र में देखी गई प्रक्रिया को दोहराकर औद्योगिक पैमाने पर संलयन ऊर्जा (फ्यूजन एनर्जी) बनाने की ताकत प्रदान करेगा। इस चुंबक को सेंट्रल सोलनॉइड के नाम से जाना जाता है। इस कृत्रिम चुंबक की ताकत धरती के मैग्नेटिक फील्ड से 280,000 गुना ज्यादा है।
धरती के चुंबकीय क्षेत्र से 280000 गुना ज्यादा ताकतवर : सेंट्रल सोलनॉइड चुंबक को कई हिस्सों में बांटकर फ्रांस भेजा जा रहा है। सारे पार्ट्स जोड़ने पर यह चुंबक 18 मीटर लंबा और 4.2 मीटर चौड़ा होगा। एक बार पूरी तरह से निर्मित होने के बाद इसका वजन लगभग 1000 टन होगा। इस चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र की ताकत 13 टेस्ला के आसपास है, जो पृथ्वी के अपने चुंबकीय क्षेत्र से लगभग 280,000 गुना अधिक मजबूत होगा।
छह माड्यूल को मिलाकर किया गया निर्माण : इतने ताकतवर चुंबकीय क्षेत्र पैदा करने के कारण सेंट्रल सोलनॉइड को रिएक्टर के जिस हिस्से में स्थापित किया जाएगा, उसे अंतरिक्ष शटल लिफ्ट-ऑफ के दोगुने जोर के बराबर बल का सामना करना पड़ेगा। इस चुंबक का निर्माण छह मॉड्यूल से मिलाकर किया गया है। प्रत्येक मॉड्यूल में 43 किलोमीटर के कुंडलित नाइओबियम-टिन सुपरकंडक्टर्स मौजूद हैं। एक बार जब ये कॉइल स्थापित हो जाते हैं, तो उन्हें 3800 लीटर एपॉक्सी के साथ सील कर दिया जाएगा।
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