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चेहरे पर इतना मेकअप कि मुंह नहीं खुल रहा था’, शबाना आजमी ने सुनाया चौंका देने वाला किस्सा


करण जौहर की फिल्म ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ रिलीज हो चुकी है। ढाई-पौने तीन घंटे की फिल्म दर्शकों को खासा पसंद भी आ रही है। शबाना आजमी भी इस फिल्म की वजह से लाइमलाइट में छाई हुई हैं। वह इंडस्ट्री की जानी-मानी हस्ती हैं, जिन्होंने अपने करियर में ‘अमर अकबर एंथोनी’, ‘अर्थ’, ‘पार’ और ‘गॉडमदर’ जैसी तमाम फिल्में दी हैं। लेकिन उनका ये फिल्मी सफर अच्छा नहीं रहा। इसका खुलासा उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में किया है। उन्होंने कैमरे के सामने अपना पहला अनुभव शेयर किया है।
‘फेलोशिप ऑफ लॉस्ट क्रिएटिव सोल्स’ के साथ एक पॉडकास्ट के दौरान, शबाना आजमी ने कैमरे के सामने अपने पहले अनुभव के बारे में बात की। बताया कि वह मुश्किल से अपने डायलॉग्स बोल पाती थीं क्योंकि मेकअप आर्टिस्ट ने उनके चेहरे पर बहुत सारा मेकअप लगा दिया था। ऐसे में एक्ट्रेस को 100 पर्सेंट इस बात का यकीन था वो लोग उन्हें बाहर निकाल देंगे क्योंकि उनका पहला स्क्रीन टेस्ट डिजास्टर था।
शबाना आजमी का पहला स्क्रीनटेस्ट – शबाना आजमी ने बताया, ‘जब मैंने पहली बार स्क्रीन टेस्ट दिया, तो बहुत ही बुरा था क्योंकि उन्होंने मुझ पर इतना मेकअप लगा दिया था कि मैं अपना मुंह भी नहीं खोल पा रही थी। बहुत सारा मेकअप था। मैं इतनी भयानक लग रही थी कि मैंने कहा कि 100 पर्सेंट वो मुझे बाहर निकाल देंगे क्योंकि मैं उनके काम नहीं आने वाली। लेकिन, मुझे एहसास हुआ कि ऐसा इसलिए था क्योंकि मेरे चेहरे पर बहुत सारा पैनकेक (मेकअप) था और ऐसा नहीं होना चाहिए था।’
शबाना आजमी की मुश्किलें – शबाना आजमी ने साल 1974 में श्याम बेनेगल की फिल्म ‘अंकुर’ से डेब्यू किया था। इसमें उनकी परफॉर्मेंस दिल छू लेने वाली थी। इसके लिए उन्होंने बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड भी जीता था। इसी इंटरव्यू में एक्ट्रेस बताया कि वह आभारी हैं कि फिल्म में उनके कैरेक्टर ‘लक्ष्मी’ को असल जिंदगी के किरदार की तरह दिखाया गया। हालांकि, शबाना ने ये बात भी मानी कि जब उन्होंने मेनस्ट्रीम कैमरे को फेस किया तो उन्हें कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।
शबाना ने आगे कहा, ‘मैं वास्तव में श्याम की आभारी हूं कि हमने बिल्कुल भी मेकअप नहीं किया था, बिल्कुल भी बेस नहीं था, आप वास्तविक जीवन में बिल्कुल वैसे ही दिखते हैं। मुझे लगता है कि उन्होंने इसे आसान बनाया। जब मैं मेनस्ट्रीम सिनेमा कर रही थी, तो मुझे कैमरा फेस करने में मुश्किल होती थी। आप विश्वास नहीं करेंगे, लेकिन एक समय था जब मेरी इच्छा थी कि मैं सुलक्षणा पंडित की तरह दिखूं और मेरे फेस पर ये मेकअप और विग न हो। मैंने उस तरह दिखने के लिए बहुत मेहनत की। मगर जितना उस सांचे में फिट होने की कोशिश की, मैं उतनी ही खराब दिखने लगी।’