
पाकिस्तान आर्मी के नए चीफ जनरल आसिम मुनीर अब फोर स्टार आर्मी ऑफिसर होने के अलावा देश के सबसे ताकतवर शख्स हैं। 29 नवंबर को उन्होंने परमाणु हथियारों से लैस मिलिट्री का जिम्मा लिया और उनका कद कई गुना तक बढ़ गया। 57 साल के जनरल मुनीर जो कि इंटेलीजेंस के महारथी रहे हैं और पूर्व जासूस रहे हैं, अब वह देश के घरेलू और बाहरी हालातों की दिशा तय करेंगे। मुनीर ने ऐसे समय में सेना की कमान संभाली है जब उनका देश कई तरह के संकटों से गुजर रहा है। एक तरफ विपक्ष नए चुनावों की मांग कर रहा है तो दूसरी तरफ चौपट अर्थव्यवस्था और बाढ़ ने मुश्किलों को दोगुना कर दिया है। ऐसे में जनरल मुनीर के सामने चुनौतियां भी बढ़ गई हैं। ये अलग बात है कि जनरल ने कुछ दिनों पहले ही भारत को धमकी दी है।
देश की राजनीति – विशेषज्ञों की मानें तो जनरल मुनीर को देश की राजनीति पर बरकरार अशांति का सामना करना पड़ेगा। अप्रैल में जब से इमरान खान की सत्ता गई है तब से ही पाकिस्तान की राजनीति अस्थिर हो गई है। अविश्वास प्रस्ताव की वजह से इमरान ने पीएम की कुर्सी गंवा दी और आरोप अमेरिका पर लगाया। इमरान का कहना था कि उनके राजनीतिक विपक्षी और मिलिट्री, अमेरिका के साथ मिल गए हैं। लेकिन पाकिस्तान और अमेरिका दोनों ने ही इमरान के आरोपों को सिरे से नकार दिया। विशेषज्ञों की मानें तो कमर जावेद बाजवा के जाने के बाद से अब जनरल मुनीर के कार्यकाल और उनके हर कदम पर सबकी नजरें रहेंगी। उन्हें खुद को एक तटस्थ सेना प्रमुख के तौर पर खुद को साबित करना होगा और तभी वह हर राजनीतिक तबके को स्वीकार्य होंगे।
सेना की इमेज – पाकिस्तान की जनता के बीच सेना की इमेज को सुधारना उनका दूसरा सबसे बड़ा चैलेंज है। 75 साल की आजादी में सेना ने 30 साल तक देश पर राज किया है। जनता मानने लगी है कि सेना प्रमुख, देश की राजनीति में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभाव रखता है। पाकिस्तान सेना के रिटायर्ड आर्मी जनरल उमर मोहम्मद हयात की मानें तो मिलिट्री का मनोबल बढ़ाना, जनरल मुनीर की प्राथमिकता होनी चाहिए। उनकी मानें तो पूर्व में सभी लोगों ने देखा है कि कैसे व्यावहारिक सोच के साथ हर मुश्किल को आसान किया जा सकता है। देश के पूर्व रक्षा सचिव और रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर आसिफ यासिन मलिक की मानें तो सेना की इमेज को सुधारने के लिए सबसे पहले यह सोच बदलनी होगी कि आर्मी का राजनीति में दखल होता है। यह न सिर्फ जनता को तकलीफ पहुंचाती है बल्कि सेना की ऑपरेशनल क्षमता को भी कमजोर करती है।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website