
हनुमान जी की साधना अति सरल एवं सुगम है चूंकि वह बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इनकी साधना करते समय ब्रह्मचारी व्रत अवश्य लेना चाहिए। सदाचारी रहना चाहिए। मंगलवार और शनिवार इनकी आराधना के लिए विशेष दिवस हैं। पूजा के लिए लाल आसन, पूजा में लाल पुष्प, केसरी सिन्दूर, चमेली का तेल, देसी घी से बने बेसन के लड्डू अथवा देसी घी का चूरमा इनको अति प्रिय हैं। किसी भी प्रकार के अनिष्ट ग्रहों के प्रकोप से कोई ग्रस्त हो तो हनुमान जी की शरण में आने से सभी ग्रहों का क्रूर प्रभाव स्वत: ही दूर हो जाता है। हनुमंत उपासना अगर भक्ति, श्रद्धा, समर्पण एवं संलग्नता से की जाए तो उनकी कृपा अवश्य प्राप्त होती है।
मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति की सेवा महीने में किसी भी एक मंगलवार को करने से आपका मानसिक तनाव हमेशा के लिए दूर हो जाएगा।
साल में एक बार किसी भी मंगलवार को अपने खून का दान करने से आप हमेशा के लिए दुर्घटनाओं से बचे रहेंगे।
5 देसी घी के रोट का भोग मंगलवार को लगाने से दुश्मनों से मुक्ति मिलती है।
व्यापार में वृद्धि के लिए मंगलवार को सिंदूरी रंग का लंगोट हनुमान जी को पहनाइए।
मंदिर की छत पर लगाइए लाल झंडा और आकस्मिक संकटों से मुक्ति पाइए।
तेज़ और शक्ति बढ़ाने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदर कांड, रामायण, राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
मंगलवार को हनुमान जी का व्रत करने से रोगी रोगमुक्त, पुत्रवान, मोक्षार्थी मुक्त तथा धनार्थी धन सम्पन्न होता है।
हनुमान व्रत के तेरह गांठ वाले डोरे को कंठ या दाईं भुजा में धारण करने से सभी कामनाएं पूर्ण होती हैं
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