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गर्भवती मां और नवजात शिशु के पोषण में नहीं होनी चाहिए ये चूक, बच्‍चे को जवानी तक होती है तकलीफ


ये बात तो सभी जानते और समझते होंगे कि गर्भावस्‍था में संतुलित आहार लेना मां और शिशु दोनों के लिए ही जरूरी होता है। इस समय एक अच्‍छी डाइट लेने पर जोर दिया जाता है। शिशु की ग्रोथ, बौद्धिक विकास और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पर्याप्‍त पोषण मिलना बहुत आवश्‍यक होता है। भ्रूण के विकास के प्रारंभिक चरण और जीवन के शुरुआती साल इस बात को और ज्‍यादा स्पष्ट करते हैं।
निओनेटल न्‍यूट्रिएंट्स – गर्भवती मां, नवजात शिशु और टॉडलर बच्‍चों को कई तरह के पोषक तत्‍वों की जरूरत होती है। शिशु को शुरुआत में मैग्‍नीशियम, विटामिन ए, विटामिन बी और ट्रेस मिनरल्‍स चाहिए होते हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं के आहार में फोलिक एसिड और आयोडीन जैसे पोषक तत्‍वों की कमी होती है। इन सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भ्रूण के न्यूरोडेवलपमेंट को खतरे में डाल सकती है।
अपर्याप्‍त पोषण लेने के नुकसान – अगर कोई महिला कंसीव करने के दौरान पर्याप्‍त पोषण नहीं लेती है और प्रेग्‍नेंसी एवं डिलीवरी के बाद भी न्‍यूट्रिशन से भरपूर डाइट नहीं लेती है, तो इससे कुछ नुकसान हो सकते हैं। शोध से संकेत मिलता है कि पर्याप्‍त पोषण न मिलने की वजह से मां के साथ-साथ बच्‍चे की सेहत को भी नुकसान होता है और इसमें शिशु के जीवन के शुरुआती दो वर्षों में विकास में रुकावट या गलत विकास होने का खतरा रहता है और दुष्‍प्रभाव लंबे समय तक बने रह सकते हैं। ये परिणाम जन्म के समय कम वजन, बड़े होने पर लंबाई न बढ़ना और पढ़ाई में ज्‍यादा अच्‍छा प्रदर्शन न कर पाना शामिल है।
जल्‍दी पोषण लेना करें शुरू – जन्‍म के बाद के शुरुआती कुछ साल बच्‍चे के विकास के लिए बहुत अहम होते हैं और यहां पर बच्‍चे की सेहत सीधा इस बात पर निर्भर करती है कि प्रेग्‍नेंसी के दौरान मां ने कितना पोषण लिया है। हेल्‍दी ईटिंग, डॉक्‍टर के लगातार संपर्क में रहने और अच्‍छे माहौल की वजह से बच्‍चे का विकास बेहतर हो पाता है। इनमें से किसी की भी कमी होने पर बच्चे के शारीरिक, सामाजिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक विकास पर बुरा असर पड़ता है।
ब्रेन डेवलपमेंट पर प्रभाव – टाइम्‍स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख में पुणे के सह्याद्रि सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉ. प्रदीप सूर्यवंशी ने बताया कि विकास की प्रक्रिया में मस्तिष्‍क एक महत्‍वपूर्ण अंग है और इसे गर्भावस्‍था के दौरान विकास के लिए कुछ विशेष पोषक तत्‍व चाहिए होते हैं। इन पोषक तत्‍वों में लिपिड, प्रोटीन, कॉपर, फोलेट, जिंक, आयोडीन और आयरन शामिल होता है। ये सभी तत्‍व भ्रूण के मस्तिष्‍क के विकास में सहायता प्रदान करता है।
सही खानपान है जरूरी – सही खानपान पर ही अच्‍छी सेहत निर्भर करती है। माओं के आहार में अगर कोई कमी है तो उसे तुरंत पूरा किया जाना चाहिए और प्रारंभिक बचपन में कुपोषण के संभावित परिणामों को समझना महत्वपूर्ण है। मस्तिष्‍क के विकास के लिए जरूरी पोषक तत्‍वों के बारे में जानना जरूरी है।