
कई खरगोशों को अपने पैरों पर कूदते हुए तो देखा गया है लेकिन ऐल्फर्ट जंपिंग खरगोश अलग तरीके से चलते हैं। ये अपने आगे के पैरों पर कूदते हैं और इनके पीछे के पैर हवा में होते हैं। इसी तरह ये बैलेंस बनाते हुए आगे बढ़ते हैं। ऐसा क्यों है, इसे लेकर वैज्ञानिक हैरान रहे हैं। 1935 में इस प्रजाति की खोज के बाद से वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया को समझने की कोशिश की है और ताजा स्टडी में जेनेटिक म्यूटेशन को इसके पीछे का कारण बताया गया है।
नहीं होता बैलेंस : BBC न्यूजग्राउंड की रिपोर्ट के मुताबिक Sauteur d’Alfort खरगोशों में RORB जीन और म्यूटेशन के कारण रीढ़ की हड्डी में इंटरन्यूरॉन्स को नुकसान होता है। Gizmodo से बातचीत में स्टडी के रिसर्चर लीफ ऐंडरसन ने बताया कि ये न्यूरॉन मांसपेशियों में मूवमेंट कोऑर्डिनेट करते हैं और हाथ-पैरों में बैलेंस बनाते हैं। ऐल्फर्ट खरगोशों में यह कोऑर्डिनेशन नहीं होता और बैलेंस नहीं बनता। इन खरगोशों में ये इंटरन्यूरॉन या तो पूरी तरह से गायब थे या कम थे। इसकी वजह से कूदने की क्षमता नहीं था।
म्यूटेशन की वजह से : दूसरी प्रजातियों की तरह कूदने की क्षमता न होने पर ये हाथ के बल पर चलते हैं। ये अपने आगे के पैरों पर चलते हैं जिससे रीढ़ की हड्डी पर निर्भर काम कम हो जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 वैज्ञानिकों ने ऐल्फर्ट खरगोशों की दूसरे खरगोशों के साथ ब्रीडिंग की जो कूद सकते थे। इसके बाद इनके 50 बच्चों का DNA अरेंज किया गया। उन्हें RORB जीन में म्यूटेशन का पता चला। ये उन खरगोशों में था जो हाथ पर चल रहे थे।
Home / News / पैरों पर चलते नहीं, हाथ पर कूदते हैं ये खास खरगोश, 80 साल से पहेली बनी प्रजाति का सच अब सामने
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website