
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकॉनमी है लेकिन वहां के लोग खर्च करने के बजाय पैसे बचाने में लगे हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण है वहां का शेयर बाजार। पिछले कुछ समय में शेयर बाजार थोड़ा ऊपर गया है, लेकिन अब भी यह 10 साल पहले के स्तर पर ही है। 10 साल पहले बाजार में एक बड़ा बुलबुला फूटा था, जिससे भारी नुकसान हुआ था। शेयर बाजार लोगों को खर्च करने के लिए प्रोत्साहित करने की बजाय, उन्हें और ज्यादा बचाने के लिए मजबूर कर रहा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस आदत को बदलना चाहें तो भी मुश्किल है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी ने 10 साल पहले अमेरिका के S&P 500 इंडेक्स में 10,000 डॉलर लगाए होते, तो आज उसके पैसे तीन गुना से भी ज्यादा हो गए होते। लेकिन अगर उसने चीन के CSI 300 बेंचमार्क में इतने ही पैसे लगाए होते, तो उसे सिर्फ 3,000 डॉलर का फायदा होता। चीन के बाजार को लंबे समय से देख रहे लोगों का कहना है कि इसकी ढांचागत वजह है। 35 साल पहले, सरकारी कंपनियों ने लोगों की बचत को सड़कों, बंदरगाहों और फैक्ट्रियों को बनाने में लगाने के लिए शेयर बाजार बनाया था।
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