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वजन घटने नहीं देती ये बीमारी, लोगों के छूट जाते हैं पसीने मगर नहीं होता वेट लॉस


भागदौड़ भरी जिंदगी और हर मोड़ पर टकराने वाली परेशानियों से लाइफस्टाइल में स्ट्रेस बैठ गया है। यह समस्या दुनियाभर में तेजी से बढ़ रही है। इससे हार्ट डिजीज, वजन बढ़ना, अनिद्रा, स्ट्रोक, अवसाद, मधुमेह, कैंसर, मानसिक विकार और कई अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स तनाव को नई महामारी बताने लगे हैं। जो आपके वेट लॉस की दुश्मन है।
नई महामारी है तनाव – स्ट्रेस हॉर्मोन किसी विपरीत स्थिति या मुसीबत का रास्ता खोजने में मदद करते हैं। मगर जब एंडोक्राइन ग्रंथियां लगातार इसका उत्पादन करती रहती हैं जो दिल पर प्रेशर बढ़ता है। इससे तेज धड़कन, मसल्स में तेज ब्लड सर्कुलेशन, डर, चिंता और डिप्रेशन भी हो सकती है। तनाव के हॉर्मोन आपके शरीर की नेचुरल प्रोसेस को बिगाड़ सकते है।
क्रॉनिक स्ट्रेस से मोटापा और डायबिटीज हो सकती है। यह अल्जाइमर की बीमारी से भी जुड़ा होता है। इंसुलिन की तरह कोर्टिसोल भी फैट बढ़ाता है। कोर्टिसोल इंसुलिन लेवल बढ़ाता है जिससे वेट गेन होता है। यही कारण है कि स्लीप डेप्रिवेशन के शिकार लोगों का फैट बढ़ जाता है। क्योंकि यह कोर्टिसोल का लेवल बढ़ाता है। मेडिटेशन, योगा, मसाज और एक्सरसाइज से कोर्टिसोल लेवल कम होता है।
तनाव से होने वाली लाइफस्टाइल डिजीज – सेंस क्लिनिक के स्पोर्ट्स एंड फंक्शनल न्यूट्रिशनिस्ट दीपक पाल के अनुसार, अत्यधिक धूम्रपान, शराब पीने और अस्वस्थ आहार जैसे काम के अलावा तनाव से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, हाई कोलेस्ट्रॉल, टाइप-2 मधुमेह और सांस लेने में तकलीफ जैसी पुरानी बीमारियों और परेशानियों का खतरा बढ़ सकता है।
मानसिक सेहत पर असर – तनाव मेंटल हेल्थ के लिए बड़ी परेशानी है। यह मानसिक समस्याओं को बढ़ाता है। किसी सगे संबंधी की मौत या काम का तनाव भी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। यह पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीएसडी), एंग्जायटी, डिप्रेशन और पैनिक अटैक का कारण बन सकता है।
तनाव और मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर – गर्दन और कंधे का दर्द तनाव के आम लक्षण हैं। क्योंकि ये मांसपेशियों को सख्त कर देता है, जिससे दर्द होता है। समय के साथ मांसपेशियों की ताकत भी कम हो सकती है, क्योंकि कोर्टिसोल हार्मोन सूजन पैदा कर सकता है और ज्यादा दर्द का कारण बन सकता है।
तनाव को मात देकर कैसे हेल्दी रहें – तनाव को हमेशा के लिए खत्म तो नहीं किया जा सकता, लेकिन इसे कई तरीकों से कम जरूर किया जा सकता है। इसके लिए अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने की जरूरत होती है। तो आइए तनाव से बचने के कुछ उपाय जानते हैं।
रोजाना 20 मिनट की तेज पैदल चाल करें। प्रकृति के बीच वक्त बिताएं और आसपास के माहौल को ध्यान से महसूस करें।
साबुत अनाज, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर आहार लें।
रोजाना कम से कम आठ घंटे की नींद लें और दफ्तर में काम के बीच थोड़ा आराम करने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लें।
धूम्रपान, शराब और तंबाकू के सेवन से बचें।
अपनी भावनाओं को लिखने के लिए एक डायरी रखें और अपने शौक पूरा करने के लिए भी वक्त निकालें।
योग, ध्यान जैसी रिलैक्सेशन तकनीक सीखें और अपनाएं।
मुश्किल समय में दोस्तों और परिवार से मदद मांगने में संकोच न करें। अपनी चिंताओं और परेशानियों को उनसे शेयर करने से आप हल्का महसूस करेंगे और जिंदगी की चुनौतियों का सामना करने के लिए हिम्मत जुटा पाएंगे।