
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में चल रहे ग्रहों की अशुभ स्थिति के कारण ही व्यक्ति को अनेकों परेशानियों और असफलताओं का सामना करना पड़ता है। अशुभ प्रभाव देने वाले ग्रहों का उचित उपचार करने पर उनके बुरे फलों को अच्छे में बदला जा सकता है। यदि आपको भी जीवन में अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तो ज्योतिष शास्त्र में बताए गए यह उपाय अपनाएं-
ज्योतिष में ऐसी मान्यता है कि दूसरों को ख़ाना ख़िलाने से मनुष्य द्वारा किए गए पापों का अंत होने लगता है। इसी मान्यता के आधार पर कई लोग समय-समय पर खाना अनाज आदि दान करते रहते हैं।
यदि घर का कोई छोटा बच्चा ठीक से खाना न खा रहा हो तो एक रोटी पर थोड़ा सा गुड़ रखकर रोटी को बच्चे के ऊपर से 21 बार वार लें। बाद में ये रोटी किसी कुत्ते को खाने के लिए दे दें। इस उपाय से बच्चे के ऊपर से बुरी नज़र का असर खत्म हो जाएगा और वह फिर से ठीक से ख़ाना ख़ाने लगेगा।
सुख-समृद्धि को बरकरार रख़ने के लिए हर रोज़ कम से कम किसी एक गरीब व्यक्ति को ख़ाना ज़रुर खिलाएं। ऐसा करने पर घर में अनाज़ की कमी नहीं होती है और बरकत बनी रहती है।
यदि किसी की कुंडली में शनि या राहु-केतु का कोई दोष हो तो रोज़ रात को जो रोटी सबसे अंत में बनती है, उस पर तेल लगाएं और ये रोटी काले कुत्ते को खाने के लिए दें। यदि काला कुत्ता नहीं हो तो किसी अन्य कुत्ते को भी ये रोटी दी जा सकती है। इससे दोषों का प्रभाव कम होने लगता है।
प्रत्येक सुबह रोटी बनाएं तो उसमें से पहली रोटी अलग निकाल लें। उस रोटी के चार बराबर टुकड़े कर लें। इनमें से एक टुकड़ा गाय को और दूसरा टुकड़ा काले कुत्ते को दें। तीसरा कौओं के लिए घर की छत पर डालना है। अंतिम टुकड़ा घर के पास किसी चौराहे पर रख़कर आना है। ऐसा हर रोज़ करना चाहिए। इस उपाय से घर की गरीबी दूर हो सकती है।
प्रत्येक अमावस्या पर चावल की खीर बनाएं और रोटी के छोटे-छोटे टुकड़े उस खीर में ड़ाल दें। इसके बाद रोटी और खीर को कौओं के लिए घर की छत पर रख़ दें। इस उपाय से घर पर पितृ देवताओं की विशेष कृपा बनी रहती है। पितर देवता की कृपा से ही सुख-समृद्धि मिलती है।
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