भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया रूस यात्रा पर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के बयान को एक्सपर्ट ने धमकीभरा माना है। कई देशों में भारत के राजदूत रहे कंवल सिब्बल का मानना है कि गार्सेटी की टिप्पणी में धमकी भरा स्वर था। साथ ही उन्होंने कई उन महत्वपूर्ण पहलुओं को भी उजागर किया जिन्हें अमेरिकी राजनयिक ने नजरअंदाज कर दिया। गुरुवार को डिफेंस कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए अमेरिकी राजदूत एरिक ने कहा है कि भारत अपनी रणनीतिक आजादी को पसंद करता है लेकिन जंग के मैदान में इसका कोई मतलब नहीं है। अब दुनिया आपस में जुड़ी हुई है। इसलिए हमें ना सिर्फ शांति के लिए खड़ा होना होगा बल्कि अशांति पैदा करने वाले देशों पर कार्रवाई भी करनी होगी।
फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, कंवल ने कहा कि अमेरिका हमेशा ही दोहरा रवैया अपनाता रहा है और एक बार फिर से ये दिख रहा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, गार्सेटी का अंदाज धमकीभरा है। रूस के प्रति अमेरिका की नीति भूराजनीति पर आधारित है। भारत अमेरिका को हल्के में नहीं ले रहा है। हमारा पिछला अनुभव हमें इसके प्रति सचेत करता है। शायद अमेरिका को भारत के मामले में बहुत जोर नहीं देना चाहिए। भारत अमेरिका के साथ बहुत अच्छे संबंध चाहता है लेकिन वे हमारी विदेश नीति के विकल्पों को प्रतिबंधित करने के प्रयासों पर आधारित नहीं होने चाहिए। अमेरिका भी अपने पर ऐसा कोई प्रतिबंध स्वीकार नहीं करता है। अमेरिका की चीन नीति ना तो भारत की चिंताओं पर आधारित है और न ही उसकी रूस नीति हमारी चिंताओं पर आधारित है।
‘भारत की अमेरिका पर निर्भरता नहीं’ – गार्सेटी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भूराजनीतिक विश्लेषक कर्नल रोहित देव ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंध आपसी लाभ के लिए हैं। दोनों देशों के बीच संबंध किसी भी सैन्य या भू-राजनीतिक गठबंधन पर निर्भर नहीं है। भारत की अपनी भू-राजनीतिक प्रतिबद्धताएं और राष्ट्रीय हित हैं। हम संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंचों पर कई बार अलग-अलग तरीके से वोट करते हैं और यह हमारे राष्ट्रीय हितों को पहले रखता है।
Home / News / ये लहजा धमकी देने वाला… अमेरिकी राजदूत की टिप्पणी पर भड़के एक्सपर्ट, बोले- भारत को सिखाने की जरूरत नहीं