
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कोरोना वायरस के अप्रत्यक्ष प्रभाव के कारण पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ्रीका में अगले छह महीने में पांच साल से कम उम्र के हजारों बच्चों की मौत होने की आशंका सोमवार को व्यक्त की। यूनिसेफ के क्षेत्रीय निदेशक टेड चाइबन ने एसोसिएटिड प्रेस से कहा कि वायरस ने प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल तक बच्चों की पहुंच को बाधित किया है, जिससे गंभीर कुपोषण, निमोनिया और अन्य बीमारियों का इलाज संभव नहीं हो रहा। लिहाजा बच्चों के लिए खतरा बढ़ा है।
एजेंसी का अंदेशा जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय द्वारा मई में किए गए अध्ययन पर आधारित है। इसमें कम और मध्यम आय वाले देशों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर पर महामारी के अप्रत्यक्ष प्रभाव को देखा गया था। यूनिसेफ ने पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीका के 10 देशों के बच्चों के लिए आशंका जताई है। इन देशों में पांच साल से कम उम्र के 4.1 करोड़ बच्चे रहते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर लोगों को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध नहीं होती तो अगले छह महीने में पांच साल से कम उम्र के 51000 और बच्चों की मौत हो सकती है, जो पहले के अंदेशा से 40 फीसदी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि फिक्र की बात यमन, सूडान, जिबूती जैसे देशों में हैं जहां स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था महामारी के आने से पहले ही लचर थी।
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