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क्या नाटो खत्म हो गया है? ट्रंप ने यूरोप को पुतिन के सामने परोस कर रख दिया, अमेरिकी योजना से यूं ही नहीं घबराए यूरोपीय देश


डोनाल्ड ट्रंप की वॉइट हाउस में वापसी के बाद यूरोप में घबराहट है। यूरोपीय देशों की सबसे बड़ी चिंता नाटो को लेकर है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि ट्रंप इसे खत्म कर रहे हैं। अमेरिकी योजना ने यूरोप को परेशान कर दिया है। उसे अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है।
यूक्रेन युद्ध खत्म करने को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की योजना को लेकर यूरोप भौचक्का है। अभी भी यूरोपीय रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ट्रंप की 90 मिनट की फोन कॉल से उबर नहीं पाए हैं। इसके साथ ही अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ के इसी सप्ताह ब्रसेल्स में दिए गए बयान ने यूरोपीय नेताओं को बेचैन कर दिया है। इस बात पर चर्चा होने लगी है कि ट्रंप अपने फैसलों से नाटो गठबंधन को खत्म कर रहे हैं। लिथुआनिया के पूर्व विदेश मंत्री गेब्रियलियस लैंड्सबर्गिस ने कहा, यह नाटो के अंत का संकेत हो सकता है।
ट्रंप की घोषणाओं से यूरोप में घबराहट – पॉलिटिको की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप की चौंकाने वाली घोषणाओं के बाद यूरोप में घबराहट का माहौल है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ ने जिस तरह की बयानबाजी की है, उसने यूरोप की सुरक्षा खतरे में पड़ती नजर आ रही है। हेगसेथ ने तो यूरोप को अमेरिका के लिए सुरक्षा गटर बता दिया। यानी साफ है कि अब अमेरिका का यूरोप की रक्षा का कोई इरादा नहीं है।
हालांकि, म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में भाग लेने वाले अमेरिकी सांसदों ने यूरोप को आश्वासन देने की कोशिश की, लेकिन इससे कोई खास फायदा नहीं हुआ है। उनमें से एक सीनेटर रोजर विकर थे, जो शक्तिशाली सीनेट सशस्त्र सेवा पैनल के अध्यक्ष हैं। विकर ने पॉलिटिको से कहा कि हेगसेथ ने ब्रसेल्स में एक ‘नौसिखिए की गलती की। मुझे नहीं पता कि उनका भाषण किसने लिखा, लेकिन यह टकर कार्लसन द्वारा लिखा जा सकता है। कार्लसन एक मूर्ख है।’
अमेरिकी उपराष्ट्रपति का भी यूरोप पर हमला – विकर ने यह भी कहा कि हेगसेथ ने अपनी कुछ कठोर टिप्पणियों को वापस ले लिया है, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है, जिससे यूरोप की अमेरिकी सुरक्षा गारंटी खोने की बात आती है। इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक और बम फोड़ दिया। उन्होंने यूरोप के संबंध में खतरे के बारे में बात करते हुए कहा, ‘यह रूस नहीं है। यह चीन नहीं है, यह कोई अन्य बाहरी अभिनेता नहीं है। जिस चीज के बारे में मुझे चिंता है, वह है भीतर से आने वाला खतरा।’
अमेरिका के बाद कहां जाएगा यूरोप? – यूरोप के लिए समस्या यह है कि वह अब तक सुरक्षा के लिए अमेरिका पर निर्भर रहा है, जिसे संकट के समय बुलाया जाना अपरिहार्य है। ऐसे में सवाल है कि वह अब किस ओर जाए? इसका जवाब है शायद खुद की ओर। पूर्व जर्मन राजनयिक वोल्फगैंग इशिंगर ने पॉलिटिको से कहा कि शायद यूरोप को झटकों की जरूरत है, ताकि उसे आत्मनिर्भर बनने की तरफ बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि यूरोपीय नेता आंशिक रूप से उस स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं, जिसका वे अब रोना रो रहे हैं।
क्या यूरोप ने देरी कर दी? – यूरोपीय नेता अब रक्षा को बढ़ाने की तैयारी की बात कर रहे हैं, लेकिन अन्य लोगों को आशंका है कि शायद अब बहुत देर हो चुकी है। उन्हें डर है कि ट्रंप प्रशासन मित्र नहीं बल्कि शत्रु है। यूरोपीय संघ के एक वरिष्ठ राजनयिक ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, अब हमारे पास एक रूसी राष्ट्रपति है, जो यूरोप को खत्म करना चाहता है और एक अमेरिकी राष्ट्रपति भी, जो यूरोप को नष्ट करना चाहता है और इन दोनों के बीच गठबंधन है। ‘ट्रांसअटलांटिक गठबंधन खत्म हो गया है।’