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बाइडेन के भारत “प्रेम” पर ट्रंप का जवाब- चीन के खिलाफ हमने दिया India का साथ


अमेरिका में तीन नवम्बर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (74) रिपब्लिकन पार्टी की ओर से एकबार फिर पद पर काबिज होना चाहते हैं। उनका मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (77) से हैं। दोनों मुख्य उम्मीदवारों के चुनाव एजेंडे में भारत और अमेरिकी-भारतीयों पर खास तवज्जों दी जा रही है। कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ जहर उगलने वाले बाइडेन का अचानक भारत के प्रति अचानक प्रेम उमड़ना चर्चा का विषय बना हुआ है।बाइडेन के प्रचार अभियान के अधिकारी जहां जीत के बाद भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने का वादा कर रहे हैं वही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रचार अभियान से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप ने चीन के विरोध में खड़े होकर भारत का साथ दिया और कश्मीर मामले में कभी हस्तक्षेप नहीं करके एकदम सही रुख अपनाया है।

ट्रंप के भारतीय-अमेरिकी समर्थकों ने कहा कि कोविड-19 से पहले ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में अमेरिका में भारतीय-अमेरिकियों की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड गिरावट आई । उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने विश्व मंच पर भारत का कद बढ़ाया, भारत का साथ देते हुए चीन के विरोध में खड़ा हुए और कश्मीर मुद्दे पर कभी हस्तक्षेप नहीं किया। ‘ट्रंप विक्ट्री इंडियन-अमेरिकन फाइनेंस कमेटी’ के सह-अध्यक्ष अल मैसन ने कहा, ‘‘ संक्षेप में कहें तो, ट्रंप ने भारत और भारतीय-अमेरिकियों के मामले में सही रुख अपनाया है।” ट्रंप अभियान से जुड़े अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय और भारत-अमेरिका संबंधों के मद्देनजर ट्रंप का चुनाव करना ही सही होगा।

प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी वकील एवं कैलिफोर्निया से रिपब्लिकन पार्टी की वरिष्ठ नेता हरमीत कौर ढिल्लो ने कहा, ‘‘ भारतीय-अमेरिकियों की पसंद स्पष्ट है और चार साल के लिए ट्रंप/पेंस।” ढिल्लो ट्रंप अभियान के ‘इंडियन वॉयसेज फॉर ट्रंप’ की सह-अध्यक्ष हैं। ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कोविड-19 से पहले भारतीय-अमेरिकियों की बेरोजगारी दर में करीब 33.33 प्रतिशत की गिरावट आई थी। अमेरिकी श्रम सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार भारतीय-अमेरिकी बेरोजगारी दर 2015 में 4.1 प्रतिशत थी, जो 2019 में कम होकर 2.1 प्रतिशत रह गई।

‘इंडियन वॉयसेज फॉर ट्रंप’ की दूसरी सह-अध्यक्ष मृणालिनी कुमारी ने कहा, ‘‘ भारतीय-अमेरिकी यकीनन वह समूह हैं जिन्हें अमेरिका की आजादी से सबसे ज्यादा फायदा हुआ है, जिसमें मुक्त बाजार, खुशी पाने की आजादी, श्रेष्ठ जीवन के लिए प्रयास करने की आजादी आदि शामिल है। साथ ही, धर्म का पालन करने की व्यक्तिगत स्वतंत्रता।” भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सितम्बर 2019 में अमेरिकी यात्रा के दौरान भी ट्रंप ने कहा था, ‘‘हर दिन, भारतीय-अमेरिकी समुदाय हमारे देश को मजबूत बनाने और हमारे भविष्य के निर्माण में मदद कर रहा है।”