
इस देरी से भारतीय सेना की कुछ योजनाओं पर असर पड़ने की संभावना है। ये अपाचे AH-64E(I) हेलीकॉप्टर, लॉन्गबो फायर-कंट्रोल रडार, हेलफायर मिसाइल और स्टिंगर एयर-टू-एयर मिसाइलों से लैस हैं। इन हेलीकॉप्टर्स को पठानकोट स्थित 31 स्ट्राइक कॉर्प्स के तहत दो आर्मी एविएशन स्क्वाड्रनों को सौंपा जाना है।
पिछले हफ्ते करीब 8 दिनों तक लंदन एयरपोर्ट पर उड़ान भरने का इंतजार करने के बाद अमेरिका से आया एक कार्गो जहाज वापस लौट गया। उस जहाज में तीन अपाचे हेलीकॉप्टर था, जिसकी डिलीवरी भारत को होने वाली थी। बाद में पता चला की तुर्की ने उस जहाज को अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी। अब आ रही ताजा रिपोर्ट्स से पता चला है कि पाकिस्तान के दखल के बाद तुर्की ने भारत आने वाले कार्गो प्लेन को अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए बोइंग कंपनी के तीन AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर जब एंटोनोव An-124 कार्गो विमान को तुर्की ने ओवरफ्लाइट क्लियरेंस देने से इनकार कर दि था। जबकि इससे पहले इसी हवाई मार्ग से इसी साल मार्च-अप्रैल में पहली खेप के तीन अपाचे हेलीकॉप्टर बिना किसी परेशानी के गुजर चुके थे। उस समय तुर्की ने सभी औपचारिकताएं आसानी से मंजूर कर ली थी, लेकिन नवंबर में उसने इजाजत नहीं दी।
पहले से ही माना जा रहा था कि इसके पीछे पाकिस्तान हो सकता है, जिसकी मदद मई महीने में भारक से संघर्ष के दौरान तुर्की ने की थी। डिफेंस इंटेलिजेंस के सूत्रों के मुताबिक तुर्की के इस फैसले के पीछे पाकिस्तान शामिल था। डिफेंस सूत्रों का कहना है कि तुर्की की तरफ से पहले प्री-क्लियर मंजूरी मिल जाती थी, लेकिन इस बार आखिरी पलों में तकनीकी और डिप्लोमेटिक बहाने बनाए गये हैं। इसे इस संदर्भ में देखा जा सकता है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने पिछले कुछ महीनों में कई बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि शहबाज शरीफ और असीम मुनीर के कहने पर राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी रोकने जैसा कदम उठाया है।
Home / News / पाकिस्तान के कहने पर तुर्की ने रोकी थी भारत के अपाचे हेलीकॉप्टर की डिलीवरी, मुनीर-एर्दोगन की ‘सीक्रेट साजिश’ का खुलासा
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