
मुस्लिम देशों का खलीफा बनने का सपना देख रहा नाटो देश तुर्की अब अमेरिका से एफ-35 फाइटर जेट को लेकर बहुत बड़ी डील करने जा रहा है। तुर्की में अमेरिका के राजदूत टॉम बराक ने यूएई के अबू धाबी शहर में बताया कि रेसेप तैयप्प एर्दोगन की सरकार रूस से खरीदे गए एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम को खत्म करने जा रही है। रूसी सिस्टम ही अब तक इस डील में सबसे बड़ी बाधा बना हुआ था। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि तुर्की ने एस 400 सिस्टम के ऑपरेशनल इश्यू को हल कर लिया है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि एस-400 का कब्जा ही अमेरिका के लिए झगड़े का मुख्य मुद्दा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह मुद्दा अगले 4 से 6 महीने में हल हो जाएगा। तुर्की का एफ-35 फाइटर जेट खरीदना और एस 400 को हटाना दोनों ही भारत के खतरा बढ़ा सकता है। वहीं इससे इजरायल भी टेंशन में आ जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या तुर्की एस-400 सिस्टम को हटाने जा रहा है, इसका जवाब अमेरिकी राजदूत ने हां में दिया। तुर्की का करीब 1 दशक पहले एस-400 खरीदना ही साल 2019 में उसके एफ-35 फाइटर जेट प्रोग्राम से बाहर होने की वजह बना था। अमेरिका ने तुर्की की रक्षा कंपनियों पर काट्सा कानून के तहत बैन लगा दिया था। अमेरिका की दलील है कि रूसी सिस्टम एफ-35 फाइटर जेट की क्षमता को कमजोर कर सकता है। वहीं तुर्की का दावा है कि एस 400 सिस्टम को नाटो के ढांचे में शामिल नहीं किया जाएगा। एफ-35 फाइटर जेट से हटाए जाने के बाद भी तुर्की ने 100 एफ 35 फाइटर जेट खरीदने के लिए 1.4 अरब डॉलर अमेरिका को दिए हुए हैं जिसने उसे अभी तक लौटाया नहीं है।
Home / News / रूसी S-400 एयर डिफेंस से किनारा कर अमेरिका से F-35 जेट पर महाडील करने जा रहा तुर्की, भारत से लेकर इजरायल तक को खतरा
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