
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की कुछ प्रमुख स्वास्थ्य सेवा संस्थाएं उन भारतीय नर्सों की मदद के लिए आगे आई हैं जिनके साथ यहां कोविड-19 टीकाकरण और जांच केंद्रों पर नौकरी दिलाने के नाम पर भर्ती एजेंसियों ने धोखाधड़ी की है। गल्फ न्यूज में प्रकाशित खबर के मुताबिक भर्ती एजेंसियों की धोखाधड़ी की शिकार केरल की कई नर्स यहां फंसी हुई हैं। आरोप है कि इन एजेंसियों ने इन नर्स से दो लाख से 3.5 लाख रुपये का कमीशन वसूला।
हर घंटे खेलें क्विज और जीतें इनाम : खबर के मुताबिक इन नर्सों को यूएई में कोविड-19 टीकाकरण एवं जांच केंद्र पर नौकरी दिलाने की झूठी पेशकश की गई थी। यहां के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य सेवा प्रदाता समूहों के शीर्ष कार्यकारियों ने स्थानीय चिकित्सा लाइसेंस प्राप्त नहीं करने वाली सहित उन नर्सों को नौकरी पर रखने की इच्छा जताई है जो धोखाधड़ी की शिकार हुई हैं। उन्होंने कहा कि वे उन नर्सों को आने वाले महीनों में लाइसेंस दिलाने में मदद करेंगे जिनके पास अर्हता और अनुभव होगा।
एस्टर डीएम हेल्थकेयर के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ.आजाद मूपन ने कहा, ‘‘हम जो भी अर्हता रखते हैं और अनुभवी है उसे नौकरी देने को तैयार हैं भले उनके पास लाइसेंस हो या नहीं। उन्हें साक्षत्कार में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। अगर उनके पास लाइसेंस नहीं है तो हम उनके वीजा की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं और लाइसेंस प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनके समूह को दुबई और शारजाह में बन रहे दो अस्पतालों के लिए 300 नर्सों की जरूरत है। राइट हेल्थ के प्रबंध निदेशक डॉ.संजय एम पैथांकर ने कहा कि उनका समूह 40 नर्सों को नौकरी पर रखने को इच्छुक है। एनएमसी हेल्थ केयर के सीईओ माइकल ब्रेंडेन ने कहा, ‘‘हम बिना सही जानकारी नौकरी देने की गांरटी नहीं दे सकते, लेकिन हमारी टीम उन प्रभावितों की शैक्षणिक एवं कार्य अनुभव सार को देखने को इच्छुक है ताकि आकलन किया जा सके कि उनकी मदद कर सकते हैं या नहीं।
इस बीच, दुबई में भारत के महावाणिज्य दूत डॉ.अमन पुरी ने बुधवार को गल्फ न्यूज से कहा कि फंसी हुई नर्सों को मामले से मिशन से अवगत कराना चाहिए ताकी उनकी वापसी में मदद की जा सके।
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