
संयुक्त राष्ट्र के एक पैनल ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया चीन की शह पर उत्तर कोरिया लगातार प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहा है। पैनल ने कहा कि चीन के शिपिंग उद्योग की मदद से संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों की अवहेलना करते हुए पिछले साल कोयला और तेल उत्पादों के व्यापार में तेजी से कदम बढ़ाया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधों के बारे में वार्षिक रिपोर्ट शुक्रवार को ऑनलाइन हो गई और हैरानी की बात यह है कि एक दिन बाद ही गायब भी हो गई। इस रिपोर्ट में खुद ही चीन द्वारा उत्तर कोरिया को संरक्षण के निष्कर्षों के बारे में ध्यान नहीं दिया गया था।
सबूत के तौर पर तस्वीरें जारी करते हुए पैनल रिपोर्ट में कहा कि उत्तर कोरिया ने कोयले के निर्यात पर संयुक्त राष्ट्र के बैन का उल्लंघन किया था, साथ ही परिष्कृत पेट्रोलियम के आयात पर भी प्रतिबंध लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया द्वारा निरंतर उल्लंघन से न केवल सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों पर पानी फिरता है, बल्कि एक ऐसी राजस्व धारा को निधि मिलती है, जिसने ऐतिहासिक रूप से देश के प्रतिबंधित परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों में योगदान दिया है। पैनल ने एक अनिर्दिष्ट आंकड़ों के हवाले से अनुमान लगाया कि उत्तर कोरिया ने पिछले साल जनवरी से अगस्त के बीच 3.7m टन कोयले का निर्यात किया ।
अधिकांश कोयले के निर्यात को उत्तर कोरियाई जहाजों से चीनी पट्टियों में स्थानांतरित कर दिया गया था, जो अक्सर यांग्त्ज़ी नदी तक पहुंचाने के लिए पहुंचता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया को स्व-चालित बराज पर समुद्र में कोयला भेजते भी देखा गया। पैनल का कहना है कि उत्तर कोरिया के बेड़े में इस तरह के बराज शामिल नहीं किए जाते इसलिए ये चीन के होने की संभावना है।
इस बारे में संयुक्त राष्ट्र के पैनल ने फरवरी में अपने निष्कर्षों का सारांश जारी किया, लेकिन अधिक विस्तृत रिपोर्ट में देरी कर दी। गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने अमेरिका की नाराजगी की परवाह किए बिना वैश्विक कोरोनो वायरस महामारी के बीच ही अपने पूर्वी तट से छोटी दूरी की मिसाइलों का परीक्षण कर दुनिया को हैरान कर दिया। उत्तर कोरिया की इस हरकत का दक्षिण कोरिया ने विरोध भी किया था ।
IndianZ Xpress NZ's first and only Hindi news website