
जर्मनी में कुत्ते के प्यार से चाटने कारण एक व्यक्ति की तड़प-तड़प कर मौत होने का अजीब मामला सामने आया है। यहां एक पालतू कुत्ते ने अपने मालिक के हाथ को चाट लिया जिससे उसको गंभीर इंफेक्शन हो गया। ये इंफेक्शन इतना खतरनाक था कि इसकी चपेट में आने के 16 दिन बाद उसकी मौत हो गई। इससे पहले 63 साल का यह व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ था। अपने पालतू कुत्ते के काटने के बाद उसको निमोनिया, गैंग्रीन और तेज बुखार (106°F) के साथ कई अन्य बीमारियों की शिकायत हुई, इन बीमारियों से वो निपट नहीं पाए जिससे उनकी मौत हो गई।
डॉक्टरों का कहना है कि वो व्यक्ति सी. कैनिमोरस नामक बैक्टीरिया से पीड़ित था। कैपनोसाइटोफेगा कैनिमोरस एक तरह का बैक्टीरिया है जो जानवरों के काटने से ही मनुष्य के शरीर में फैलता है। जब ये व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल पहुंचा तो उसे तीन दिनों तक फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दिए, उसे बुखार था और सांस लेने में तकलीफ थी। ये मामला जर्मनी के ब्रेमेन में रोते क्रुज़ क्रुकेनहॉस के डॉक्टरों द्वारा एक चिकित्सा पत्रिका में बताया गया था। जब तक उन्होंने चिकित्सा शुरू की, तब तक आदमी पहले से ही गंभीर सेप्सिस था। पहले चार दिनों में जब वे अस्पताल में थे, उनकी हालत काफी खराब हो गई थी, जो उनके चेहरे पर दाने और नसों में दर्द के साथ शुरू हुई थी और उनके पैरों में चोट के निशान थे। इसके बाद उनकी किडनी और लिवर बंद हो गए और उनकी रक्त वाहिकाओं में रक्त का थक्का जमने लगा, जिससे उनकी त्वचा सड़ने लगी और कार्डियक अरेस्ट हो गया।
उनके दिल की धड़कन रुकने के बाद जीवन को बचाने के लिए डॉक्टरों ने प्रयास किए। इसके लिए उनको काफी कठिनाई का सामना करना पड़ा। डॉक्टरों ने कहा कि सी.कैनिमोरस नामक संक्रमण सबसे अधिक बार काटने से होता है। डॉक्टरों को इस बात का आर्श्चय था कि ये केवल चाटने से कैसे हो गया। चाटने से कम संख्या में बैक्टीरिया प्रसारित होता है। नीदरलैंड में हुए एक अध्ययन के अनुसार इस तरह की बीमारी प्रत्येक 1.5 मिलियन लोगों में से केवल एक व्यक्ति को ही हो सकती है। डॉक्टरों ने कहा कि ये बीमारी आमतौर पर उन लोगों में देखने को मिलती है जिनके अंदर रोगों से लड़ने की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। मगर जिस तरह से इस व्यक्ति को ये बीमारी हुई है उससे पता चला कि ये किसी को भी हो सकता है।
यदि ये भी कहा जाए कि उस व्यक्ति के शरीर में कोई खुला घाव हो जहां पर उस कुत्ते ने चाट लिया हो जिससे उसके शरीर में ये संक्रमण हुआ हो वैसा भी देखने को नहीं मिला। डॉ.नाओमी मैडर की अगुवाई वाली टीम ने कहा कि ‘फ्लू जैसे लक्षणों वाले पालतू मालिकों को तत्काल चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए, जब उनके लक्षण एक साधारण वायरल संक्रमण से अधिक हों, जो इस मामले में [सांस लेने में समस्या और दाने] सामने थे।
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