
दक्षिण अफ्रीका में चर्चित गुप्ता बंधु एक बार फिर चर्चा में हैं। पिछले हफ्ते भारतीय अधिकारियों द्वारा तीन कुख्यात गुप्ता बंधुओं में से एक अजय गुप्ता की गिरफ्तारी चुनावी मौसम में दक्षिण अफ्रीका की सत्तारूढ़ अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) और देश के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा के लिए एक बड़ा मौका लेकर आई है। एएनसी अब फिर से चुनाव की मांग कर रही है। अजय गुप्ता की गिरफ्तारी से इस समय के एएनसी नेतृत्व को पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को निशाना बनाने का मौका मिल गया है। जुमा की सरकार में गुप्ता बंधुओं ने दक्षिण अफ्रीका में एक विवादास्पद व्यापारिक साम्राज्य चलाया। जुमा पर व्यक्तिगत लाभ के बदले गुप्ता बंधुओं का समर्थन करने का आरोप है।
जुमा ने चुनाव लड़ने के लिए एक अलग इकाई का गठन किया है, जिसका लक्ष्य एएनसी समर्थकों के भीतर दरार पैदा करना और वोट हासिल करना है। यह एएनसी के लिए एक उच्च जोखिम वाला चुनाव है। अजय गुप्ता के अलावा उनके साले को भी आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। अजय गुप्ता के दो भाई भी फिलहाल संयुक्त अरब अमीरात में हिरासत में हैं। ईटी को ये जानकारी मिली है कि दक्षिण अफ्रीका ने भारत से अजय गुप्ता की गिरफ्तारी का ब्योरा देने का आग्रह किया है। इन तीनों गुप्ता बंधुओं को पहले दक्षिण अफ्रीका भगोड़ा घोषित कर चुका है।
सहारनपुर से अफ्रीका गए थे गुप्ता बंधु – गुप्ता परिवार की जड़ें उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में हैं। ये लोग 1993 में दक्षिण अफ्रीका गए थे। इस गुप्ता परिवार के प्रमुख सदस्य तीन भाई- अजय, अतुल और राजेश हैं। गुप्ता बंधुओं के अलावा इनकी पत्नियां भी इंटरपोल नोटिस का सामना कर रही हैं। 1993 में अतुल ने दक्षिण अफ्रीका में परिवार का पहला व्यवसाय सहारा कंप्यूटर्स शुरू किया था। इसके बाद तेजी से परिवार बढ़ा और दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार की कंपनियों में कोयला खदानें, कंप्यूटर, समाचार पत्र और एक मीडिया आउटलेट शामिल थे। 2016 में अतुल 773.47 मिलियन डॉलर की अनुमानित संपत्ति के साथ दक्षिण अफ्रीका के सातवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।
राष्ट्रपति जैकब जुमा से गुप्ता परिवार की करीबी इतनी ज्यादा थी कि उनके लिए एक शब्द ‘जुप्ता’ गढ़ा गया। जुमा परिवार के कई सदस्य गुप्ता के स्वामित्व वाली फर्मों में काम करते थे। जब 2013 में उनकी बहन की बेटी की शादी के लिए मेहमानों को ले जा रहा एक चार्टर्ड विमान प्रिटोरिया के पास वॉटरक्लूफ एयर बेस पर उतरा, तो हड़कंप मच गया। केवल दौरे पर आए राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिक प्रतिनिधिमंडलों को ही इस आधार का उपयोग करने की अनुमति थी। इस घटना को दक्षिण अफ़्रीकी मीडिया ने गुप्तागेट करार दिया। दक्षिण अफ्रीका में कैबिनेट नामांकन पर गुप्ता परिवार के प्रभाव के आरोप 2016 में सामने आए।
Home / News / दक्षिण अफ्रीका के चुनाव में यूपी के ‘गुप्ता ब्रदर्स’ बने बड़ा मुद्दा, अजय गुप्ता की गिरफ्तारी पर राष्ट्रपति ने जुमा को घेरा
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